चीनी कंपनी को मिला दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के एक हिस्से के निर्माण का ठेका

By अनुराग आनंद | Published: January 4, 2021 09:50 AM2021-01-04T09:50:29+5:302021-01-04T09:53:18+5:30

चीनी कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर लंबे भूमिगत टनल का निर्माण कराएगी। 

china company gets contract for part of delhi-meerut projesct | चीनी कंपनी को मिला दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के एक हिस्से के निर्माण का ठेका

दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट के सांकेतिक तस्वीर (फाइल फोटो)

Highlightsराष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका सौंपा है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध के बाद इस काम के लिए चीनी कंपनी के टेंडर को निरस्त करने का दावा किया गया था।

लखनऊ: चीनी समानों और ऐप आदि के बहिष्कार करने के बाद एक बार फिर से सरकारी संस्थाओं ने निर्माण कार्यों के लिए चीनी कंपनी को ठेका देने का फैसला किया है। 

दिल्ली से मेरठ के बीच निर्माणाधीन क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम परियोजना (आरआरटीएस परियोजना) में भूमिगत टनल बनाने का ठेका एक चीनी कंपनी को दिया गया है। इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर सरकारी संस्थाओं के इस फैसले का आलोचना हो रहा है। 

टीओआई के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने शंघाई टनल इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड को ठेका सौंपा है। चीनी कंपनी न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच 5.6 किलोमीटर लंबे भूमिगत टनल का निर्माण कराएगी। 

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के कामों के लिए ठेका दे दिया गया है-

इस मामले में एनसीआरटीसी ने कहा कि सभी प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए चीनी कंपनी को यह ठेका सौंपा गया है। एनसीआरटीसी देश की पहली क्षेत्रीय रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम का निर्माण करा रहा है। 

निगम ने कहा कि कई एजेंसियां इस परियोजना का वित्तपोषण कर रही हैं और ठेके के लिए कई स्तरों पर मंजूरी लेनी पड़ती है। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी सिविल कार्य के लिए ठेका दे दिया गया है और निर्माण पूरी गति से चल रहा है। 

परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए लिया गया अहम फैसला: एनसीआरटीसी 

इस मामले में एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि बहुत सारे एजेंसियों द्वारा बोली लगाए जाने के बाद व विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति लिए जाने के बाद टनल बनाने का काम किस कंपनी को देना है यह तय हुआ है।

अब, 82 किलोमीटर लंबे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारे के सभी काम का टेंडर लगभग हो गया है। साथ ही एनसीआरटीसी के प्रवक्ता ने कहा कि परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए निर्माण कार्य जारी है।

एलएसी पर विवाद के बाद चीनी कंपनी के टेंडर को निरस्त किया गया था-

बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच गतिरोध के बाद  दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस परियोजना के एक हिस्से पर 5.6 किलोमीटर सुरंग के निर्माण के लिए चीनी कंपनी द्वारा सबसे कम पैसे में टनल बनाने को लेकर बोली लगाए जाने के बाद विवाद पैदा हो गया था, जिसकी वजह से काम को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था।

यही नहीं चीनी कंपनी के टेंडर को निरस्त किए जाने की बात भी सामने आ रही थी, लेकिन अब एक फिर से चीनी कंपनी को ही काम दिया गया है। 

Web Title: china company gets contract for part of delhi-meerut projesct

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे