चीन ने नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश को बताया अपना हिस्सा, कांग्रेस ने केंद्र सरकार की दी सलाह
By अंजली चौहान | Updated: August 29, 2023 13:00 IST2023-08-29T12:22:29+5:302023-08-29T13:00:56+5:30
सोमवार को जारी चीनी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया गया है, जिस पर 1962 के युद्ध में चीन ने कब्जा कर लिया था।

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो
नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आता और भारत के खिलाफ कोई न कोई चाल चलता ही रहता है। इस बार उसने अपने आधिकारिक तौर पर जारी किए नए नक्शे में पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के पूरे हिस्से को और अक्साई चिन क्षेत्र को अपने हिस्से में दर्शाया है।
नए मानचित्र के सामने आने के बाद अब इस मुद्दे पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी कि क्या अगले महीने नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी करना उचित होगा।
कांग्रेस सांसद ने कहा, "चीनी दावे की बेतुकी और निरर्थकता चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से स्पष्ट है...आज भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि चीन ने थिएटर स्तर पर कई बिंदुओं पर एलएसी का उल्लंघन किया है।"
#WATCH | On China releasing new official map, laying territorial claim on the entire Arunachal Pradesh and Aksai Chin, Congress MP Manish Tewari says, "The absurdity & preposterousness of the Chinese claim is evidenced by the history of the Sino-Indian border dispute...Today, the… pic.twitter.com/YO1E4rjqTR
— ANI (@ANI) August 29, 2023
उन्होंने कहा कि उन परिस्थितियों में, सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या यह भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा। दिल्ली में व्यक्ति - शी जिनपिंग - जिसने एलएसी के साथ 2000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है।
इसे खाली करने की जरूरत है... संक्षेप में कहें तो, चीनी मानचित्र बेतुके हैं, वे इसके साथ मेल नहीं खाते हैं चीन-भारत सीमा विवाद का इतिहास, अरुणाचल प्रदेश पर चीन का कोई दावा नहीं।
दरअसल, ताइवान, दक्षिण चीन सागर पर भी दावा सोमवार को जारी मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दिखाया गया है, जिस पर 1962 के युद्ध में चीन ने कब्जा कर लिया था। इसने ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर भी दावा किया।
चीन का ताजा उकसावा इस साल भारत की मेजबानी में होने वाले बहुराष्ट्रीय जी20 या 20 देशों के समूह के शिखर सम्मेलन से ठीक 10 दिन पहले आया है। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन, फ्रांस के इमैनुएल मैक्रॉन और शी जिनपिंग सहित कई विश्व नेता 8-10 सितंबर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे।
वहीं, भारत इसकी बार-बार पुष्टि कर रहा है कि संपूर्ण अक्साई चिन (1865 जॉनसन लाइन के अनुसार) और अरुणाचल प्रदेश उसका अपना क्षेत्र है; वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान सहित क्षेत्र के अन्य देशों ने भी दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों पर आपत्ति जताई है।