मुख्य सचिव तबादला मामला : तृणमूल, कांग्रेस ने केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध का लगाया आरोप

By भाषा | Updated: May 29, 2021 22:25 IST2021-05-29T22:25:13+5:302021-05-29T22:25:13+5:30

Chief Secretary transfer case: Trinamool, Congress accuse Center of political vendetta | मुख्य सचिव तबादला मामला : तृणमूल, कांग्रेस ने केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध का लगाया आरोप

मुख्य सचिव तबादला मामला : तृणमूल, कांग्रेस ने केंद्र पर राजनीतिक प्रतिशोध का लगाया आरोप

नयी दिल्ली/कोलकाता, 29 मई पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को बुलाने के केंद्र के फैसले की तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने तीखी आलोचना की है। जहां कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से उठाया गया कदम तथा संघवाद पर ‘अक्षम्य हमला’ करार दिया, वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले को तत्काल वापस लिये जाने की मांग की।

बनर्जी ने कहा, “क्योंकि आप भाजपा की हार (बंगाल में) पचा नहीं पा रहे हैं, आपने पहले दिन से हमारे लिये मुश्किलें खड़ी करनी शुरू कर दी। मुख्य सचिव की क्या गलती है? कोविड-19 संकट के दौरान मुख्य सचिव को वापस बुलाना दिखाता है कि केंद्र बदले की राजनीति कर रहा है।”

पश्चिम बंगाल जब कोविड-19 और चक्रवात से जूझ रहा है, ऐसे में मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को दिल्ली में बुलाने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस तथा बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने सवाल उठाया। अभी कुछ दिन पहले ही केंद्र ने बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था। हालांकि, भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने चक्रवात यास से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता हुई में बैठक में बंदोपाध्याय के शामिल नहीं होने को गलत बताया।

पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ने जिस तरह से प्रधानमंत्री का अपमान किया, उसकी आलोचना करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जो कुछ हुआ वह देश में अभूतपूर्व है और हो सकता है कि मुख्य सचिव को ऐसा करने के लिए बाध्य किया गया हो।’’

चक्रवात से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री की समीक्षा बैठक में मौजूद नहीं रहने के कारण हो रही आलोचना के बारे में बनर्जी ने कहा, “यह बैठक प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच होने वाली थी। भाजपा नेताओं को इसमें क्यों बुलाया गया?”

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कोविड के संकट के बीच मुख्य सचिव को बुलाना दिखाता है कि केंद्र राजनीतिक बदले की भावना से काम कर रहा है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि केंद्र से बात करके इस समस्या का हल हो जाएगा लेकिन उन्हें बताया गया कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) और कलकत्ता उच्च न्यायालय में बंदोपाध्याय के तबादले पर कैवियेट दाखिल किये हैं।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकती है।

बनर्जी ने कहा, ‘‘मेरी आपसे अपील है कि राजनीतिक बदले की भावना को समाप्त करें और इस पत्र को (मुख्य सचिव को बुलाने के) वापस ले लें, उन्हें कोविड प्रभावित जनता, तूफान प्रभावित जनता के लिए काम करने दें। हम टीम की तरह काम कर रहे हैं और हम ऐसा करते रहना चाहते हैं।’’

कांग्रेस महासचिव और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया कि बंदोपाध्याय को तीन महीने का सेवा विस्तार देने के चार दिनों बाद ही वापस बुलाने का फैसला क्यों किया गया?

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘ मोदी सरकार की ओर से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दुर्भावनापूर्ण एवं मनमाने ढंग से वापस बुलाये जाने की घटना ने पूरे देश की चेतना को स्तब्ध कर दिया है। यह इस मायने में और भी गंभीर है कि चार दिनों पहले मोदी सरकार ने ही मुख्य सचिव को तीन महीने का सेवा विस्तार दिया था।’’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि केंद्र का यह कदम लोकतंत्र और सहकारी संघवाद पर हमला है तथा ऐसे कदम से देश में अराजकता पैदा होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘यह देश के संविधान और सहकारी संघवाद पर घोर कुठाराघात है। अगर केंद्र सरकार को दलीय आधार पर विभिन्न राज्यों से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वापस बुलाने की अनुमति दी गई तो विधि व्यवस्था और संविधान का पूरा ढांचा ध्वस्त हो जाएगा।’’

सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग इसका खुलासा करेंगे कि मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देने के चार दिनों के बाद ही उन्हें किस कारण से वापस बुलाया गया?’’

कांग्रेस महासचिव ने दावा किया कि केंद्र सरकार के कदमों से ऐसा प्रतीत होता है कि वह हाल ही में निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सभी न्यायविदों, संवैधानिक विशेषज्ञों, जनप्रतिनिधियों और हर देशवासी का आह्वान करती है कि वे भारत के संवैधानिक तानेबाने और संघीय ढांचे पर हो रहे हमले की निंदा करें।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को सेवा विस्तार दिये जाने के मात्र चार दिन बाद केंद्र ने शुक्रवार रात उनकी सेवाएं मांगी और राज्य सरकार से कहा कि वह अधिकारी को तुरंत कार्यमुक्त करे। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने इस कदम को ‘‘जबरन प्रतिनियुक्ति’’ करार दिया।

पश्चिम बंगाल काडर के 1987 बैच के आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय 60 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 31 मई को सेवानिवृत्त होने वाले थे। हालांकि, केंद्र से मंजूरी के बाद उन्हें तीन महीने का सेवा विस्तार दिया गया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Chief Secretary transfer case: Trinamool, Congress accuse Center of political vendetta

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे