चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर की कॉलेजियम की प्रशंसा, बताया जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: July 12, 2023 07:56 IST2023-07-12T07:53:58+5:302023-07-12T07:56:44+5:30

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कॉलेजियम सिस्टम की तारीफ करते हुए कहा कि हाल ही में कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर महज 72 घंटों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की हुई नियुक्ति से स्पष्ट है कि कॉलेजियम एक जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम है।

Chief Justice DY Chandrachud once again praised the Collegium, said that the system is vibrant, active and committed to work | चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर की कॉलेजियम की प्रशंसा, बताया जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर की कॉलेजियम की प्रशंसा, बताया जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम

Highlightsसीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक बार फिर की कॉलेजियम सिस्टम की तारीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम एक जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम हैसीजेआई चंद्रचूड़ ने यह बात जस्टिस पीके मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन की नियुक्ति के संबंध में कही

नयी दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट जैसे उच्च न्यायिक संस्थाओं में जजों की नियुक्ति के लिए बनाई गई कॉलेजियम सिस्टम की तारीफ करते हुए मंगलवार को कहा कि उनकी अगुवाई में द्वारा हाल ही में कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर महज 72 घंटों के भीतर सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की हुई नियुक्ति से स्पष्ट है कि कॉलेजियम एक जीवंत, सक्रिय और कार्य के प्रति प्रतिबद्ध सिस्टम है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह बात सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में नियुक्त हुए जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस केवी विश्वनाथन के सम्मान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कही। सीजेआई ने कहा कि दोनों की जजों की नियुक्ति के लिए अकेले कॉलेजियम बधाई की पात्र नहीं है, बल्कि हाल में कॉलेजियम द्वारा हुई नियुक्तियों के लिए सरकार ने सहयोग दिया है, इसलिए सरकार को धन्यवाद दिया जाना चाहिए।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “हमें इस तथ्य को स्वीकार करना चाहिए कि सरकार इस प्रक्रिया में एक हितधारक है और यही कारण है कि इन दोनों जजों की नियुक्तियां सिफारिश करने के 72 घंटे से भी कम समय में हुई हैं। इसलिए मुझे लगता है कि इन नियुक्तियों से देश को एक संदेश मिला है कि कॉलेजियम जीवंत है, सक्रिय है और अपने कार्य के प्रति प्रतिबद्ध है।”

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि कॉलेजियम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से सलाह और परामर्श किया जाता है और यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई जजों की नियुक्ति को सम्मान और स्नेह प्राप्त होता है।

मालूम हो कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले और सुप्रीम कोर्ट के चार सबसे वरिष्ठ जजों की अगुवाई वाली कॉलेजियम ने 16 मई केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति के लिए नामों की सिफारिश की थी। इनमें से एक जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा है, जो सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति से पहले आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।

वहीं जस्टिस केवी विश्वनाथ की बात करें तो सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त होने से पहले वो वकालत किया करते थे। केवी विश्वनाथन का नाम उन खास जजों में शुमार होता है, जो बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बने हैं और आगे चलकर वो देश के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। अभी तक सिर्फ दो चीफ जस्टिस इस तरह से बने हैं। उनसे से एक थे जस्टिस एसएम सीकरी, जो बार से सीधे प्रमोट करके सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे और बाज में मुख्य न्यायाधीश बने थे।

उसके बाद जस्टिस यूयू ललित दूसरे नंबर हैं और इन दोनों के अलावा सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश पीएस नरसिम्हा तीसरे ऐसे सीजेआई होंगे, जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज बनाया गया है।

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