Chhattisgarh Congress Crisis: छत्तीसगढ़कांग्रेस की राजनीति में छाए संकट के बादल छंटने को है. राज्य के राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नई दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ तीन घंटे तक बातचीत हुई. राहुल गांधी के साथ करीब तीन घंटे तक चली मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह बघेल नई दिल्ली स्थिति ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पार्टी मुख्यालय में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों से मिलने पहुंचे.
कांग्रेस कमेटी में मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस विधायकों के बीच काफी लंबी बात चीत हुई. हालांकि अभी तक ये स्पष्ट नहीं हो पाया कि विधायकों के साथ सीएम बघेल की किन मुद्दों पर और क्या चर्चा हुई. वहीं दूसरी ओर अब तक ये भी साफ नहीं हो पाया है कि राहुल गांधी के साथ हुई मीटिंग में क्या फैसला लिया गया है.
हालांकि इस बैठक के बाद जब भूपेश बघेल मीडियाकर्मियों को बताया कि छत्तीसगढ़ के विकास और राजनीति के बारे में राहुल गांधी के साथ विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने सभी बातें उनके सामने रखीं और राहुल को छत्तीसगढ़ आने का निमंत्रण दिया है। राहुल ने निमंत्रण स्वीकार किया है। वे संभवतः अगले सप्ताह बस्तर क्षेत्र का दौरा करेंगे।
बैठक के बाद बाहर निकले बघेल ने मुख्यमंत्री पद के ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले से जुड़े सवाल के जवाब में कहा कि, कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी एल पुनिया ने जो पिछले दिनों कहा था, उसके बाद कोई बात बाकी नहीं रह जाती. बता दें कि राहुल गांधी के साथ बीते मंगलवार को हुई बघेल और छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव की बैठक के बाद पुनिया ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में बीते लंबे समय से भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद चल रहा है. इस गुटबाजी को खत्म करने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के साथ बैठक की थी.
आज हुई बैठक से पहले बघेल और सिंहदेव बीते मंगलवार को सुबह राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचे थे. इस बैठक के दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पूनिया भी मौजूद थे.
बता दें कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे. सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है.
पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस वक्त और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है.