चौधरी देवीलाल ने हरियाणा की राजनीति में खींची थी अलग लकीर, लेकिन अब उनके परिवार की चार अलग राहें!

By बलवंत तक्षक | Updated: August 26, 2019 08:15 IST2019-08-26T08:15:17+5:302019-08-26T08:15:17+5:30

स्व. चौधरी देवीलाला के सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा की राजनीति में उनके असली उत्तराधिकारी के रूप में उभरे और कई बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे, लेकिन अब उनके बेटों अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला की राहें भी जुदा हो गई हैं.

Chaudhary Devi Lal drew a different streak in Haryana politics, but now his family has four ways! | चौधरी देवीलाल ने हरियाणा की राजनीति में खींची थी अलग लकीर, लेकिन अब उनके परिवार की चार अलग राहें!

चौधरी देवीलाल ने हरियाणा की राजनीति में खींची थी अलग लकीर, लेकिन अब उनके परिवार की चार अलग राहें!

Highlightsचौटाला के दोनों बेटे अब अपने दादा चौधरी देवी लाल की जयंती पर अलग-अलग रैलियां करेंगे. अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला यों तो अपनी-अपनी रैलियों में खट्टर सरकार पर हमला बोलेंगे

देश के उप प्रधानमंत्री और दो बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे स्व. चौधरी देवी लाल के परिवार की राजनीति में चार राहें हो गई हैं. उनके सबसे बड़े बेटे ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा की राजनीति में उनके असली उत्तराधिकारी के रूप में उभरे और कई बार मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे, लेकिन अब उनके बेटों अजय सिंह चौटाला और अभय सिंह चौटाला की राहें भी जुदा हो गई हैं. चौटाला के दोनों बेटे अब अपने दादा चौधरी देवी लाल की जयंती पर अलग-अलग रैलियां करेंगे.

हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे अभय सिंह चौटाला ने जहां चौधरी देवीलाल के जन्मिदन पर 25 सितंबर को कैथल में इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की एक राज्य स्तरीय रैली आयोजित करने का फैसला किया है, वहीं अजय चौटाला के बेटे पूर्व सांसद दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी ( जेजेपी) की तरफ से 25 सितंबर को उनकी जयंती पर महम में राज्य स्तरीय रैली का ऐलान किया है. अभय सिंह चौटाला और अजय सिंह चौटाला यों तो अपनी-अपनी रैलियों में खट्टर सरकार पर हमला बोलेंगे, लेकिन उनका असल मकसद राज्य की राजनीति में एक-दूसरे को कमजोर करना और एक-दूसरे से आगे निकलना है.

चौटाला के दोनों बेटों ने अलग-अलग बयान जारी किए हैं, लेकिन उन्होंने निशाना मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर पर ही साधा है. उनका कहना है कि रथ यात्रा के दौरान खट्टर अपनी पांच साल की उपलिब्धयां बताने के बजाए आने वाले विधानसभा चुनावों में 75 से ज्यादा सीटें जीतने का राग अलाप रहे हैं. अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि इनेलो की कैथल रैली के बाद जनता भाजपा को 15 सीटों पर समेट देगी. पूर्व सांसद दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा है कि जेजेपी की महम रैली के बाद भाजपा की हवा पूरी तरह से हवा हो जाएगी. महम रैली में बसपा सुप्रीमो मायावती भी आएंगी.

जनता पार्टी और जनता दल के दौर में हरियाणा में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में देवीलाल की बड़ी अहम भूमिका रही थी. यहां यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1989 में दिल्ली में जनता दल संसदीय दल के नेता चुने जाने के बावजूद देवीलाल ने प्रधानमंत्री का ताज अपने सिर से उतारकर विश्वनाथ प्रताप सिंह के सिर पर रख दिया था. लेकिन हरियाणा की राजनीति के वट वृक्ष माने गए चौधरी देवीलाल के कुनबे की इस समय चार राहें हैं.

रणजीत सिंह कांग्रेस में तो आदित्य खट्टर के साथ चौटाला के अलावा देवीलाल के छोटे बेटे पूर्व मंत्री रणजीत सिंह इस समय कांग्रेस में हैं. रणजीत सिंह की गिनती पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खेमे में की जाती है. देवीलाल के दो बेटों पूर्व विधायक प्रताप सिंह चौटाला और जगदीश का निधन हो चुका है. जगदीश के बेटे आदित्य देवीलाल को इस समय खट्टर सरकार ने बोर्ड का अध्यक्ष पद दिया है और आने वाले विधानसभा चुनावों में वे सिरसा जिले से भाजपा टिकट के दावेदार हैं. प्रताप चौटाला के बेटे रवि चौटाला इन दिनों राजनीति में ज्यादा सक्रि यता नहीं दिखा रहे हैं.

Web Title: Chaudhary Devi Lal drew a different streak in Haryana politics, but now his family has four ways!

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