लाइव न्यूज़ :

चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण 2021 की शुरुआत में हो सकता है, अभियान में नहीं होगा ऑर्बिटर

By भाषा | Updated: September 7, 2020 07:26 IST

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ही पुन: अभियान होगा और इसमें चंद्रयान-2 की तरह ही एक लैंडर और एक रोवर होगा।

Open in App
ठळक मुद्देभारत के चंद्र अभियान के तहत चंद्रयान-3 को 2021 की शुरुआत में प्रक्षेपित किए जाने की संभावना है।चंद्रयान-2 के विपरित इसमें ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा, लेकिन इसमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा।

नई दिल्ली। भारत के चंद्र अभियान के तहत चंद्रयान-3 को 2021 की शुरुआत में प्रक्षेपित किए जाने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। हालांकि, चंद्रयान-2 के विपरित इसमें ‘ऑर्बिटर’ नहीं होगा, लेकिन इसमें एक ‘लैंडर’ और एक ‘रोवर’ होगा। पिछले साल सितंबर में चंद्रयान-2 की चंद्रमा की सतह पर ‘हार्ड लैंडिंग’ के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल के अंतिम महीनों के लिए एक अन्य अभियान की योजना बनाई थी। हालांकि, कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन ने इसरो की कई परियोजनाओं को प्रभावित किया और चंद्रयान-3 जैसे अभियान में देर हुई।

जितेंद्र सिंह के हवाले जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘जहां तक चंद्रयान-3 की बात है तो इसका प्रक्षेपण 2021 की शुरुआत में कभी भी होने की संभावना है। चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का ही पुन: अभियान होगा और इसमें चंद्रयान-2 की तरह ही एक लैंडर और एक रोवर होगा।’’

चंद्रयान-2 को पिछले साल 22 जुलाई को प्रक्षेपित किया गया था। इसके चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की योजना थी। लेकिन लैंडर विक्रम ने सात सितंबर को हार्ड लैंडिंग की और अपने प्रथम प्रयास में ही पृथ्वी के उपग्रह की सतह को छूने का भारत का सपना टूट गया था। अभियान के तहत भेजा गया आर्बिटर अच्छा काम कर रहा है और जानकारी भेज रहा है। चंद्रयान-1 को 2008 में प्रक्षेपित किया गया था।

जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘इसरो के प्रथम चंद्र अभियान ने कुछ चित्र भेजे हैं, जो प्रदर्शित करते हैं कि चंद्रमा के ध्रुवों पर जंग सा लगता दिख रहा है।’’ बयान में कहा गया है कि नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसा हो सकता है कि पृथ्वी का अपना वातावरण इसमें सहायता कर रहा हो, दूसरे शब्दों में इसका अर्थ यह हुआ कि पृथ्वी का वातावरण चंद्रमा की भी रक्षा कर रहा हो।

इस प्रकार, चंद्रयान-1 के डेटा से संकेत मिलता है कि चांद के ध्रुव पर पानी है, वैज्ञानिक इसी का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। इस बीच, अंतरिक्ष में मानव को भेजने के भारत के प्रथम अभियान ‘गगनयान’ की तैयारियां जारी हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘गगनयान की तैयारी में कोविड-19 से कुछ अड़चनें आई लेकिन 2022 के आसपास की समय सीमा को पूरा करने के लिए कोशिश जारी है।’’

टॅग्स :चंद्रयानजितेन्द्र सिंह
Open in App

संबंधित खबरें

भारतनौकरशाही में फेरबदलः यहां से वहां नीरज मित्तल, श्रीवत्स कृष्ण, अमित अग्रवाल, मनोज जोशी, अतीश चंद्रा और अंजू राठी राणा, देखिए पूरी सूची

भारतसंयुक्त सचिव स्तर पर 35 अधिकारी यहां से वहां, उप निर्वाचन आयुक्त बने पवन कुमार शर्मा और उपराष्ट्रपति सचिवालय भेजी गईं वी ललितलक्ष्मी, देखिए लिस्ट

कारोबारएकीकृत पेंशन योजनाः मोदी सरकार ने दिया ऑफर?, कैसे एनपीएस में वापस आ सकते हैं कर्मचारी, जानें गुणा गणित

भारतKishtwar Cloudburst: किश्तवाड़ में तबाही का भयावह मंजर, मलबे से शवों को निकालने का काम जारी; अब तक 60 शव बरामद

भारतसरकारी नौकरीः 52910 अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार में भाग लिया, 33950 का चयन नहीं?, मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने संसद में पेश किया डाटा

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई