केंद्र गंगा की सहायक नदियों के लिए न्यूनतम प्रवाह की सीमा तय करने की योजना बना रहा

By भाषा | Updated: October 30, 2021 16:36 IST2021-10-30T16:36:39+5:302021-10-30T16:36:39+5:30

Center planning to fix minimum flow limit for tributaries of Ganga | केंद्र गंगा की सहायक नदियों के लिए न्यूनतम प्रवाह की सीमा तय करने की योजना बना रहा

केंद्र गंगा की सहायक नदियों के लिए न्यूनतम प्रवाह की सीमा तय करने की योजना बना रहा

(उज्मी अतहर)

नयी दिल्ली, 30 अक्टूबर केंद्र यमुना जैसी गंगा की विभिन्न सहायक नदियों में निर्बाध प्रवाह के लिए पानी के न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है, जिससे इसकी सफाई सुनिश्चित होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

वर्ष 2018 में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा के लिए ई-प्रवाह अधिसूचना जारी की, जो नदी के पारिस्थितिक तंत्र के घटकों, कार्यों, प्रक्रियाओं और लचीलेपन को बनाए रखने के लिए आवश्यक जल प्रवाह की गुणवत्ता, मात्रा और समय को संदर्भित करती है। एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि इसी तर्ज पर एनएमसीजी अब यमुना जैसी गंगा की विभिन्न सहायक नदियों में पानी के न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है ताकि इसकी स्वच्छता सुनिश्चित हो सके।

मिश्रा ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पानी के न्यूनतम प्रवाह को निर्धारित करने से हमें गंगा नदी के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिली है। इसके अलावा, यमुना और गंगा की अन्य सहायक नदियों के न्यूनतम प्रवाह को बनाए रखने के लिए पर्यावरणीय प्रवाह का विस्तृत साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन करके तकनीकी और विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करने की योजना है, जहां मानवीय हस्तक्षेप के बाद प्रवाह में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।’’

मिश्रा ने कहा कि गंगा नदी प्रणाली की छोटी नदियों और सहायक नदियों के संबंध में पर्यावरणीय प्रवाह के आकलन की दिशा में अध्ययन करने का प्रस्ताव है। उन्होंने आगे कहा कि एनएमसीजी भूजल और अन्य जलाशयों को ‘रिचार्ज’ करने को बढ़ावा देने के लिए ‘इन्वेंट्री’ बनाकर तथा एकीकृत बेसिन प्रबंधन योजना विकसित करके गंगा नदी के 10 किलोमीटर के भीतर बाढ़ वाले क्षेत्रों की गणना करने के लिए काम कर रहा है। यह गंगा नदी की सफाई और निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में योगदान देगा।

उन्होंने कहा कि शहरी आर्द्रभूमि का प्रबंधन करने को लेकर एनएमसीजी स्थानीय हितधारकों के लिए ‘शहरी: आर्द्रभूमि प्रबंधन दिशानिर्देश’ विकसित करने के वास्ते योजना तथा वास्तुकला विद्यालय (एसपीए) के साथ काम कर रहा है।

मिश्रा ने कहा कि एनएमसीजी किसानों की आय बढ़ाने, पानी के उपयोग में सुधार और फसल विविधीकरण के लिए गंगा नदी के बहाव वाले राज्यों में जैविक खेती और कृषि वानिकी को बढ़ाने के लिए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ काम कर रहा है।

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Web Title: Center planning to fix minimum flow limit for tributaries of Ganga

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