सीडीएससीओ समिति की कोवैक्सीन टीके को ‘क्लीनिकल परीक्षण’ प्रारूप से बाहर करने की सिफारिश
By भाषा | Updated: March 10, 2021 22:08 IST2021-03-10T22:08:25+5:302021-03-10T22:08:25+5:30

सीडीएससीओ समिति की कोवैक्सीन टीके को ‘क्लीनिकल परीक्षण’ प्रारूप से बाहर करने की सिफारिश
नयी दिल्ली, 10 मार्च केंद्रीय औषधि प्राधिकरण के विशेषज्ञों की एक समिति ने भारत बायोटेक के स्वदेश विकसित कोरोना वायरस टीके को ‘क्लीनिकल परीक्षण प्रारूप’ के तहत लगाये जाने की शर्त हटाते हुए इसके आपात उपयोग की अनुमति देने की बुधवार को सिफारिश की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यह सिफारिश भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के पास विचार करने के लिए भेजी गई है। यदि टीके को ‘क्लीनिकल परीक्षण’ इस्तेमाल के दायरे से बाहर कर दिया जाता है तो लाभार्थियों को इसकी खुराक लेने के लिए राजीनामे पर हस्ताक्षर नहीं करना होगा।
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ)की विषय विशेषज्ञ समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण के आंकड़ों पर गौर किया, जिसमें टीके की प्रभाव क्षमता 80.6 प्रतिशत प्रदर्शित हुई है। इसके बाद, यह सिफारिश की गई।
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने क्लीनिकल परीक्षण प्रारूप की शर्त हटाने पर विचार करने के लिए हाल ही में औषधि नियंत्रक का रुख किया था।
सूत्रों ने बताया कि समिति ने कोवैक्सीन के तीसरे चरण के अंतरिम आंकड़ों की बुधवार को समीक्षा की, जिसके बाद उसने यह सिफारिश की।
गौरतलब है कि औषधि नियामक ने जनहित में कोवैक्सीन के क्लीनिकल परीक्षण प्रारूप में आपात उपयोग की मंजूरी दी थी।
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