हिंदी के पेपर लीक को लेकर सीबीएसई दी सफाई, कहा-यह महज एक अफवाह
By स्वाति सिंह | Updated: March 31, 2018 16:53 IST2018-03-31T16:53:26+5:302018-03-31T16:53:26+5:30
दसवीं के गणित और 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषयों के पेपर लीक होने के विरोध में छात्रों के एक समूह ने शनिवार को प्रीत विहार में स्थित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कार्यालय के पास प्रदर्शन किया।

हिंदी के पेपर लीक को लेकर सीबीएसई दी सफाई, कहा-यह महज एक अफवाह
नई दिल्ली, 31 मार्च: सीबीएसई के अध्यक्ष अनिता करवाल ने शनिवार को सीबीएसई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने के कुछ समय बड हिंदी पेपर लीक होने की खबर को पूरी तरह नकारा है। इंग्लिश न्यूज़ वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत करते हुए अनिता ने बताया कि यह 2017 का कम्पार्टमेंट पेपर है। यह निश्चित रूप से एक अफवाह है। पहले से निर्धारित डेट शीट के मुताबिक हिंदी की परीक्षा 2 अप्रैल को ही होगी। बता दें कि दसवीं के गणित और 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषयों के पेपर लीक होने के विरोध में छात्रों के एक समूह ने शनिवार को प्रीत विहार में स्थित केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कार्यालय के पास प्रदर्शन किया।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'छात्रों ने सीबीएसई कार्यालय के सामने सड़क अवरूद्ध करने की कोशिश की। करीब 25-30 छात्रों का एक समूह सीबीएसई कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।' बोर्ड ने 25 अप्रैल को 12वीं के अर्थशास्त्र विषय की दोबारा परीक्षा लेने की घोषणा की है जबकि 10वीं के गणित विषय की परीक्षा जुलाई में करायी जा सकती है।
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गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 12वीं और 10वीं की एक-एक विषयों की परीक्षा फिर से आयोजित कराने का फैसला किया है। सीबीएसई ने कक्षा 12वीं के अर्थशास्त्र (Economics) और 10वीं की गणित (Maths) की परीक्षाएं दोबारा आयोजित कराएगी। खबरों के मुताबिक परीक्षा अप्रैल में होगी। इससे जुड़ी सारी जानकारी आप सीबीएसई के अधिकारिक वेबसाइट cbse।nic।in पर जाकर ले सकते हैं।
सीबीएसई पेपर लीक मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पेपर लीक को लेकर पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ के दौरान ये खुलासा हुआ है कि कुछ परिजनों ने प्रश्न पत्र के लिए 35 हजार तक खर्च किए थे। लेकिन जब पेपर लीक हो गया तो प्रश्न पत्र का दाम घटकर 500 तक आ गया था। जांच में ये बात भी सामने आई है कि दसवीं और बारहवीं के प्रश्न पत्र को लीक करने के लिए दस व्हाट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया गया था, जो कि एनसीआर से ऑपरेट हो रहे थे और हर व्हाट्सऐप ग्रुप में 50-60 लोग जुड़े थे।