CBSE पेपर लीक मामला: 10 व्हाट्सऐप ग्रुप के जरिए बंटे थे प्रश्न-पत्र, सवाल के लिए लोगों ने दिए 35 हजार
By भारती द्विवेदी | Published: March 31, 2018 12:25 PM2018-03-31T12:25:33+5:302018-03-31T12:25:33+5:30
दसवीं और बारहवीं के प्रश्न पत्र को लीक करने के लिए दस व्हाट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया गया था, जो कि एनसीआर से ऑपरेट हो रहे थे।
नई दिल्ली, 31 मार्च: सीबीएसई पेपर लीक मामले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। पेपर लीक को लेकर पुलिस लोगों से पूछताछ कर रही है। इस पूछताछ के दौरान ये खुलासा हुआ है कि कुछ परिजनों ने प्रश्न पत्र के लिए 35 हजार तक खर्च किए थे। लेकिन जब पेपर लीक हो गया तो प्रश्न पत्र का दाम घटकर 500 तक आ गया था। जांच में ये बात भी सामने आई है कि दसवीं और बारहवीं के प्रश्न पत्र को लीक करने के लिए दस व्हाट्सऐप ग्रुप का सहारा लिया गया था, जो कि एनसीआर से ऑपरेट हो रहे थे और हर व्हाट्सऐप ग्रुप में 50-60 लोग जुड़े थे।
सीबीएसई पेपर लीक को लेकर पुलिस ने अब तक 60 लोग से पूछताछ की है। जिसमें 10व्हाट्सऐप ग्रुपों के एडमिन भी शामिल हैं। पुलिस जांच के दौरान ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि लीक कहां से हुआ। जांच से ताल्लुक रखने वाले एक अधिकारी ने बताया कि ट्यूटरों और छात्रों से पूछताछ की गई और सभी ने कहा कि उन्हें किसी और से पेपर मिले थे। पुलिस ने गूगल से भी उस ईमेल बारे में जानकारी मांगी है जहां से सीबीएसई की प्रमुख को ईमेल भेजकर बताया गया था कि दसवीं के मैथ का पर्चा लीक हो गया है। इस बीच दसवीं के मैथ और बारहवीं के अर्थशास्त्र का पेपर लीक होने के मामले में झारखंड के चतरा जिले के छह छात्रों को हिरासत में लिया गया है।
वहीं 30 मार्च को शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने प्रेस कांफ्रेंस करके रिएग्जाम के डेट की घोषणा की। जहां बारहवीं के अर्थशास्त्र की परीक्षा 25 अप्रैल को दोबार होगी। वहीं दसवीं मैथ की परीक्षा को लेकर अभी कोई घोषणा नहीं हुई है। उम्मीद है कि जुलाई में परीक्षा का आयोजन होगा।