नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म बना रहा है जो पूरे देश में स्कूल आकलन प्रणाली को पूरी तरह बदल देगा। न्यूज़ 18 की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उस विज़न को जमीन पर उतारने की दिशा में है, जिसमें कहा गया था कि “रटने वाली शिक्षा” को खत्म कर “सीखने और समझने” पर जोर दिया जाए।
शिक्षा में डिजिटल क्रांति की दस्तक सीबीएसई का यह डिजिटल प्लेटफॉर्म शिक्षकों को उच्च गुणवत्ता वाले ‘कौशल आधारित मूल्यांकन’ तैयार करने में मदद करेगा। यह प्लेटफॉर्म शिक्षकों को प्रश्न निर्माण, समीक्षा, विश्लेषण और आकलन डिज़ाइन के सभी टूल एक ही जगह उपलब्ध कराएगा।
आपको बता दें कि यह कदम सीबीएसई के उस बड़े मिशन का हिस्सा है, जो शिक्षा को “परीक्षा-केंद्रित” से “सीखने-केंद्रित” बनाने पर केंद्रित है। अब बच्चों का मूल्यांकन उनके सोचने, समझने और प्रयोग करने की क्षमता पर आधारित होगा, न कि सिर्फ रटे हुए उत्तरों पर।
बोर्ड ने पहले ही कक्षा 6 से 10 के लिए भी योग्यता-आधारित परीक्षा का ढांचा (Competency-Based Assessment Framework) शुरू कर दिया है। इसमें विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों पर ज्यादा जोर दिया जाता है।
कक्षा 3, 5 और 8 के लिए लॉन्च किया जा रहा SAFAL मूल्यांकन
'सफल मूल्यांकन' मुख्य रूप से बच्चों के कोर कॉन्सेप्ट्स, ज्ञान का सही उपयोग और उनकी तेज सोचने की क्षमता को परखेगा। यह आकलन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होगा, जिससे नतीजे जल्दी और सही मिलेंगे। इसके तहत स्कूलों को बच्चों की कमजोरियों के बारे में पक्की जानकारी मिलेगी। इससे वे उन बच्चों पर सीधा ध्यान दे पाएंगे और अपनी क्लास में पढ़ाने के तरीके बदल पाएंगे।