सीबीआई देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी के जरिए शुक्ला मामले में दखल दे रही : महाराष्ट्र सरकार

By भाषा | Published: June 18, 2021 06:35 PM2021-06-18T18:35:45+5:302021-06-18T18:35:45+5:30

CBI interfering in Shukla case through FIR against Deshmukh: Maharashtra government | सीबीआई देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी के जरिए शुक्ला मामले में दखल दे रही : महाराष्ट्र सरकार

सीबीआई देशमुख के खिलाफ प्राथमिकी के जरिए शुक्ला मामले में दखल दे रही : महाराष्ट्र सरकार

मुंबई, 18 जून महाराष्ट्र सरकार ने शुक्रवार को बंबई उच्च न्यायालय में कहा कि वह नहीं चाहती कि उसे राकांपा नेता अनिल देशमुख का बचाव करते हुए देखा जाए लेकिन सीबीआई राज्य के पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ अपनी जांच का दायरा बढ़ाकर आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रही है।

राज्य ने यह आरोप लगाते हुए अदालत का रुख किया है कि देशमुख के खिलाफ केंद्रीय एजेंसी द्वारा दर्ज प्राथमिकी के कुछ हिस्से गैर-जरूरी है और इसकी मंशा शिवसेना-कांग्रेस-राकांपा सरकार को “अस्थिर” करने की है।

महाराष्ट्र सरकार के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता रफीक दादा ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ के समक्ष कहा कि राज्य कथित भ्रष्टाचार को लेकर देशमुख के खिलाफ सीबीआई की जांच में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता।

उन्होंने कहा कि राज्य सिर्फ यह चाहता है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट (प्राथमिकी) से कुछ अंश निकाल दिए जाएं। जब सीबीआई के वकील ने प्रस्ताव दिया कि अदालत को राज्य और देशमुख द्वारा दायर याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करनी चाहिए तो वकील रफीक दादा ने कहा, "मैं श्री देशमुख का समर्थन करते हुए नहीं दिखना चाहता। वह अब मेरे मंत्री नहीं हैं।"

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में मुंबई पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की बहाली (अब बर्खास्त) और कुछ अन्य अधिकारियों के तबादले और तैनाती के मुद्दों को शामिल किया था जो मूल शिकायत का हिस्सा नहीं थे।

दादा ने कहा कि वाजे की बहाली और तबादलों में देशमुख के कथित हस्तक्षेप के मुद्दों को शामिल कर सीबीआई उन मुद्दों की 'जांच' करने की कोशिश कर रही है जिनकी राज्य पहले से ही जांच कर रहा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को प्राथमिकी में शामिल करना आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला से जुड़े मामले में हस्तक्षेप करने का बहाना था।

कथित अनधिकृत फोन टैपिंग और एक गोपनीय रिपोर्ट के लीक होने के मामले में राज्य की पूर्व खुफिया आयुक्त शुक्ला के खिलाफ जांच चल रही है।

अदालत 21 जून को सीबीआई की दलीलों की सुनवाई करेगी। एजेंसी ने अदालत से कहा कि वह 22 जून तक देशमुख के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के संबंध में दिए गए हलफनामे का पालन करने के लिए तैयार है।

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Web Title: CBI interfering in Shukla case through FIR against Deshmukh: Maharashtra government

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