मुजफ्फरपुर/ पटना, सात दिसंबर बिहार के मुजफ्फरपुर शहर स्थित आंख के एक अस्पताल के जिस ऑपरेशन थियेटर में नि: शुल्क शिविर के तहत 65 लोगों का मोतियाबंद का ऑपरेशन किया गया था, वह ऑपरेशन थियेटर संक्रमित था। यह खुलासा मामले की जांच में हुआ है।
उल्लेखनीय है कि इस शिविर में ऑपरेशन करने वाले करीब आधे लोगों को दृष्टिहानि का सामना करना पड़ा है।
मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन विनय कुमार शर्मा ने मंगलवार को बताया कि उक्त अस्पताल जहां पिछले 22 नवंबर को 65 लोगों का ऑपरेशन किया गया था, वहां के ऑपरेशन थियेटर से जो स्वाब के नमूने एकत्र किए गए थे उनमें जीवाणु संक्रमण की पुष्टि हुई है।
उन्होंने बताया कि ये नमूने जांच के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) के माइक्रोबायोलॉजी विभाग को भेजे गए थे।
शर्मा ने बताया कि जांच निष्कर्षों को स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ उपयुक्त कार्रवाई के लिए साझा किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते प्रशासन ने उक्त अस्पताल को सील कर दिया था और सर्जरी करने वाले सर्जन, उनकी सहायता करने वाले तकनीशियनों और पैरामेडिक्स और नेत्र केंद्र से जुड़े लोगों सहित कुल 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह मामला उस समय प्रकाश में आया था जब जब गंभीर लक्षणों की शिकायत के साथ ऑपरेशन कराने वाले रोगी उक्त अस्पताल पहुंचे। आंख और शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए नेत्र अस्पताल में चार लोगों की आंखें निकाल दी गईं। एसकेएमसीएच रेफर किए गए अन्य ऐसे 11 रोगियों की भी आंख निकालनी पड़ी थी।
एसकेएमसीएच नेत्र विभाग के प्रमुख आर के सिंह ने बताया कि उनके अस्पताल में ऐसे कुल 22 रोगियों को भर्ती कराया गया था जिनमें से 11 मरीजों की आंखे निकालनी पड़ी और वर्तमान में इलाजरत हैं जबकि शेष को तथा कुछ और मरीजों जो कि मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में भर्ती थे, को बेहतर इलाज के लिए पटना के इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) रेफर करना पड़ा था।
आईजीआईएमएस के नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष बिभूति पी सिन्हा ने बताया कि कुल 20 रोगियों जिन्हें मोतियाबिंद के असफल ऑपरेशन के बाद मुजफ्फरपुर से रेफर किया गया था, उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उन्होंने बताया कि तीन मरीजों की सर्जरी की गई है जबकि एक अन्य मरीज का कल ऑपरेशन किया जाएगा। हमारे यहां किसी की आंख नहीं निकाली गयी है। सर्जरी का उद्देश्य संक्रमण को फैलने से रोकना और जहां तक संभव हो दृष्टि बहाली कर कोशिश करनी है।
हालांकि, सिन्हा ने अफसोस जताते हुए कहा कि उनके अस्पताल में भर्ती इन 20 रोगियों में से शेष 16 रोगियों जिन्हें दृष्टि हानि का सामना करना पड़ रहा है और उनमें संक्रमण और न बढे़ इस दिशा में हमारा प्रयास जारी है।
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