Cash for Questions: "पीएमओ ने सिर पर बंदूक रखकर दस्तखत कराया है", महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी के 'हलफनामे' पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 20, 2023 07:41 AM2023-10-20T07:41:55+5:302023-10-20T07:45:41+5:30
कैश फॉर क्वेश्चन विवाद में फंसी तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने ने दो पेज के बयान जारी करके व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे का जवाब दिया है।
कोलकाता: कैश फॉर क्वेश्चन विवाद में फंसी तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने दो पेज के बयान जारी करके व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के हलफनामे का जवाब दिया है। जिसमें सांसद मोइत्रा ने आरोप लगाया गया है कि हीरानंदानी को 'हलफनामे' पर जबरन हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार तृणमूल सांसद मोइत्रा ने कथित तौर पर हीरानंदानी द्वारा संसद की आचार समिति को सौंपे गए 'हलफनामे' की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाया है। उनका दावा है कि यह न तो आधिकारिक लेटरहेड पर है और न ही नोटरी पर। यह 'हलफनामा'एक 'मजाक' है।
महुआ ने शुक्रवार को 'एक्स' पर पोस्ट किए गए अपने बयान में कहा, "हलफनामा श्वेतपत्र पर है न कि आधिकारिक लेटरहेड या किसी नोटरी पर। भारत का सम्मानित व्यापारी भला किसी श्वेत पत्र पर ऐसे क्योंकि दस्तखत करेगा। दरअसल उसके सिर पर बंदूक रखकर साइन करने के लिए मजबूर किया गया है।"
इसके साथ ही उन्होंने यह कहा, "दर्शन हीरानंदानी को अभी तक सीबीआई या एथिक्स कमेटी या किसी भी जांच एजेंसी ने तलब नहीं किया है तो फिर उन्होंने यह हलफनामा किसे दिया है।"
तृणमूल नेत्री मोइत्रा ने कहा, "दर्शन हीरानंदानी का हलफनामा एक मजाक है। इसे स्पष्ट रूप से पीएमओ में कुछ बुद्धिमान लोगों द्वारा तैयार किया गया है, जो भाजपा के आईटी सेल में काम करते हैं। ये मोदी और गौतम अडानी के लिए काम करते हैं और उनके हर प्रतिद्वंद्वी को निशाना बना रहे हैं। यह स्पष्ट है कि किसी ने कहा होगा कि सब का नाम घुसा दो, ऐसा मौका फिर नहीं आएगा।"
मोइत्रा ने दर्शन के हलफनामे के आधार पर भाजपा पर हमला करते हुए कहा, "हलफनामे के पैरा 12 में दावा किया गया है कि दर्शन ने मेरी मांगों को मान लिया क्योंकि वह मेरी नाराजगी से डरते थे। दर्शन और उनके पिता भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक हैं और उनकी हालिया परियोजनाओं उत्तर प्रदेश और गुजरात में चल रही हैं। जिनका उद्घाटन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा किया गया है।"
इसके साथ ही वो आगे कहती हैं, "दर्शन हाल ही में प्रधानमंत्री के व्यापार प्रतिनिधिमंडल में शामिल होकर विदेश भी गये थे। ऐसा धनी व्यापारी जिसकी हर मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक सीधी पहुंच हो, ऐसा क्यों होगा पहली बार के चुने गये विपक्षी सांसद को महंगे गिफ्ट देगा और उसकी मांगों मानने को मजबूर होगा?''
सांसद महुआ मोइत्रा ने खुद पर लगाये आरोपों पर कहा, "यह पूरी तरह से अतार्किक है और इस सच्चाई को पुख्ता करता है कि हलफनामा पीएमओ द्वारा तैयार किया गया है न कि दर्शन द्वारा।"
इसके साथ ही उन्होंने हीरानंदानी से सवाल किया कि अगर उन्होंने मेरे पर लगाये सारे आरोपों को "कबूल" कर लिया है तो उन्होंने पत्र को आधिकारिक तौर पर जारी क्यों नहीं किया।
मोइत्रा ने सवाल किया, "अगर वास्तव में वह मेरे भ्रष्टाचार का शिकार था तो वह उस समय मेरे साथ क्यों था और उसने इसे सार्वजनिक करने के लिए अब तक इंतजार क्यों किया? इसके अलावा अगर उसने सीबीआई और लोकसभा अध्यक्ष को लिखा तो संसद के 543 सांसदों में से क्यों वह पत्र निशिकांत दुबे भेजेंगे।"
सांसद मोइत्रा ने यह दावा करते हुए कि व्यवसायी हीरानंदानी को पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए "मजबूर" किया गया है, कहा कहा, "पीएमओ ने दर्शन और उनके पिता के सिर पर एक बंदूक तान दी और उन्हें भेजे गए इस पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए 20 मिनट का समय दिया। उन्हें उनके सभी व्यवसाय पूरी तरह से बंद करने की धमकी दी गई थी।"
वो आगे कहती हैं, "उन्हें बताया गया कि वो समाप्त हो जाएंगे। सीबीआई उन पर छापा मारेगी और सभी व्यवसाय बंद कर दिए जाएंगे और सभी सरकारी बैंकों से मिलने वाली सहायता बंद कर दी जाएगी।''
तृणमूल नेता ने कहा, "इस हलफनामे का मसौदा पीएमओ द्वारा भेजा गया था और उन्हें इस पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था और उसके बाद इसे तुरंत प्रेस में लीक कर दिया गया। यह भाजपा सरकार या यूं कहें कि भाजपा द्वारा संचालित गौतम अडानी की सरकार की सामान्य कार्यप्रणाली है। मुझे बदनाम करने और मेरे करीबी लोगों को अलग-थलग करने और डराने की हर कोशिश की जा रही है।"
उन्होंने कहा, "मैं अडानी के खिलाफ तक खड़ी रहूंगी जब तक वह उन कई सवालों के जवाब नहीं दे देते जिनका जवाब देना इस देश के लोगों के प्रति उनका कर्तव्य है।"
मालूम हो कि बीते गुरुवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के बीच 'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद में एक नया मोड़ आ गया, जब दर्शन हीरानंदानी ने मामले में पहली बार एक हलफनामा पेश करते हुए जवाब दिया है।
खबरों के अनुसार हीरानंदानी का यह हलफनामा संसद की आचार समिति को सौंप गया है। तीन पेज के हस्ताक्षरित हलफनामे में हीरानंदानी ने कहा है कि वह दुबई में रहते हैं और उन्हें 14 अक्टूबर को वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा सीबीआई और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लिखे गए पत्र मिले। जिनमें लिखा था कि 'कैश फॉर क्वेश्चन' विवाद उनका नाम आया है।
अपने हलफनामे में कारोबारी दर्शन ने तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा से अपनी दोस्ती की बात कबूली है। उन्होंने कहा है, "मैं महुआ को तब से जानता हूं जब मैं पहली बार उनके साल 2017 में बंगाल समिट में मिला था। धीरे-धीरे समय के साथ वह मेरी एक करीबी निजी दोस्त बन गई है।
दर्शन ने अपने हलफनामे में दावा किया है कि तृणमूल सांसद मोइत्रा अडानी समूह पर हमला करने प्रसिद्धि पाना चाहती हैं। हलफनामे के मुताबिक "वह मई 2019 में लोकसभा सांसद बनीं। उन्हें उनके दोस्तों ने सलाह दी थी कि प्रसिद्धि पाने का आसान तरीका है नरेंद्र मोदी पर हमला करना। उन्होंने सोचा कि पीएम मोदी पर हमला करने का एकमात्र तरीका गौतम अडानी और उनके समूह पर हमला करना है क्योंकि दोनों गुजरात से आते हैं।"