विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने का मामला : तिहाड़ इलाके में बना था जैश-उल-हिंद का टेलीग्राम चैनल

By भाषा | Updated: March 11, 2021 22:27 IST2021-03-11T22:27:15+5:302021-03-11T22:27:15+5:30

Case of getting explosive laden vehicle: Jaig-ul-Hind's Telegram channel was made in Tihar area | विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने का मामला : तिहाड़ इलाके में बना था जैश-उल-हिंद का टेलीग्राम चैनल

विस्फोटक लदी गाड़ी मिलने का मामला : तिहाड़ इलाके में बना था जैश-उल-हिंद का टेलीग्राम चैनल

मुंबई/नयी दिल्ली, 11 मार्च महाराष्ट्र में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास एक एसयूवी में विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी लेने का दावा करने वाले जैश-उल-हिंद संगठन का ‘टेलीग्राम’ चैनल दिल्ली के ‘‘तिहाड़ इलाके में’’ बनाया गया था। मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।

इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मामले में नई सूचना सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तिहाड़ जेल प्रशासन से संपर्क साधा है और कुछ संदिग्धों से पूछताछ की जा सकती है।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘ इस मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम ने तिहाड़ जेल प्रशासन से संपर्क किया है।’’

मुंबई पुलिस के अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने एक निजी साइबर एजेंसी की मदद से उस फोन का लोकेशन पता किया, जिस पर टेलीग्राम का चैनल बनाया गया था।

उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि फोन का लोकेशन दिल्ली की तिहाड़ जेल के पास है।

गौरतलब है कि 25 फरवरी को दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर विस्फोटक से लदी एक एसयूवी मिली थी।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक 26 फरवरी को टेलीग्राम ऐप पर चैनल शुरू किया गया और अंबानी के आवास के बाहर गाड़ी लगाने के लिए जिम्मेदारी लेने वाला संदेश 27 फरवरी की रात को ऐप पर पोस्ट किया गया।

संदेश में क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान करने की मांग की गयी और एक लिंक भी उसमें दिया गया था।

अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि लिंक उपलब्ध नहीं था जिसके बाद जांच करने वाले अधिकारियों को संदेह हुआ कि किसी ने शरारत की।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जैश-उल-हिंद का एक और संदेश 28 फरवरी को आया जिसमें दावा किया गया कि घटना में संगठन की कोई भूमिका नहीं थी।

आरंभ में मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने मामले में जांच शुरू की। कार के मालिक मनसुख हिरन की संदिग्ध हालात में मौत के बाद मामले को महाराष्ट्र आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) को स्थानांतरित किया गया।

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने विस्फोटक लदी गाड़ी की बरामदगी के मामले में जांच का जिम्मा सोमवार को अपने हाथ में ले लिया।

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