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हाइड्रोकार्बन के निष्कर्षण के लिये बोली के आमंत्रण को रद्द करें : स्टालिन ने मोदी से कहा

By भाषा | Updated: June 13, 2021 21:39 IST

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चेन्नई, 13 जून तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तमिलनाडु के कावेरी बेसिन में हाइड्रोकार्बन निकालने के लिए केंद्र सरकार के बोली आमंत्रित करने के कदम को रद्द करने का रविवार को आग्रह किया और राज्य में इस तरह की पहल का कड़ा विरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने तमिलनाडु के पुडुक्कोट्टई जिले के वडाथेरू में तेल और गैस क्षेत्रों के विकास के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं ।

उन्होंने पत्र में कहा है कि ये इलाके कावेरी ​बेसिन में आते हैं, जो एक संरक्षित कृषि क्षेत्र (पीएजेड) है और यह प्राचीन काल से तमिलनाडु की खाद्य सुरक्षा और कृषि आधारित अर्थव्यवस्था का आधार है तथा यह पारिस्थितिक रूप से नाजुक क्षेत्र के लाखों किसानों और कृषि श्रमिकों की आजीविका का साधन है ।

केंद्र सरकार ने 10 जून को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के लिए डिस्कवर्ड स्मॉल फील्ड (डीएसएफ) बोली राउंड- III की शुरूआत की, और डिजिटल कार्यक्रम में 450 से अधिक प्रतिभागियों को देखा गया था। बोली लगाने वाले 31 अगस्त 2021 तक अपनी बोलियां जमा कर सकेंगे।

कावेरी बेसिन से हाइड्रोकार्बन के निष्कर्षण की परियोजनाओं को सभी हितधारकों से एक साथ कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है।

तमिलनाडु सरकार ने कृषि अर्थव्यवस्था में इस क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए कावेरी बेसिन और पड़ोसी जिलों में हाइड्रोकार्बन का पता लगाने और उसके निष्कर्षण की परियोजनाओं का लगातार विरोध किया है।

स्टालिन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोगों की भावनाओं, संभावित पारिस्थितिकीय प्रभाव और राज्य सरकार के कानूनी अधिनियमों को संबंधित अधिकारियों ने ध्यान में नहीं रखा।

इस कृषि क्षेत्र में हाइड्रोकार्बन निष्कर्षण के प्रतिकूल परिणामों की आशंका को देखते हुए बोलियां आमंत्रित करने के केंद्र सरकार के कदम ने पुडुक्कोट्टई और पड़ोसी जिलों में आंदोलन को पहले ही हवा दे दी है ।

उन्होंने कहा, ''मेरी सरकार का दृढ़ मत है कि कावेरी बेसिन और पड़ोसी जिलों में हाइड्रोकार्बन की कोई भी नयी परियोजना शुरू नहीं की जानी चाहिए।''

स्टालिन ने कहा कि यह किसानों के हितों और कावेरी बेसिन की नाजुक कृषि-पारिस्थितिकी की सुरक्षा के लिए है ।

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक एवं विपक्षी अन्नाद्रमुक समेत लगभग सभी दलों एवं किसानों के संगठनों ने ऐसी परियोजनाओं का विरोध किया है और हाइड्रोकार्बन निष्कर्षण राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दा भी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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