कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, पश्चिम बंगाल में 36 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, जानें वजह

By विनीत कुमार | Published: May 13, 2023 10:10 AM2023-05-13T10:10:55+5:302023-05-13T10:15:51+5:30

कोलकाता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में करीब 36 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द करने का फैसला सुनाया है। यह मामला 2016 की भर्ती प्रक्रिया से जुड़ा है।

Calcutta High Court's big order, cancelled appointment of 36 thousand teachers in West Bengal | कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, पश्चिम बंगाल में 36 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, जानें वजह

पश्चिम बंगाल में 36 हजार शिक्षकों की नियुक्ति रद्द, कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला (फाइल फोटो)

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को कोलकाता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाई कोर्ट ने एक अहम आदेश देते हुए पश्चिम बंगाल सरकार के प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्त हजारों शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी है। इस फैसले का असर नियुक्त हो चुके करीब 36 हजार शिक्षकों पर पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि इन शिक्षकों की नियुक्ति तय प्रक्रिया का पालन किए बिना की गई थी। 

आदेश पारित करते हुए जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि इस तरह का भ्रष्टाचार पश्चिम बंगाल राज्य में कभी नहीं देखा गया था। जस्टिस गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया, 'सभी 36 हजार (कम या ज्यादा) उम्मीदवार जो प्राथमिक शिक्षकों के पद पर बोर्ड द्वारा आयोजित-2016 की भर्ती प्रक्रिया के समय गैर प्रशिक्षित थे, ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति रद्द की जाती है।'

जस्टिस गंगोपाध्याय का यह फैसला रात 11 बजे के बाद हाई कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किया गया था। 17 पन्ने के आदेश में कहा गया है कि उनके सामने एप्टीट्यूड टेस्ट नहीं होने का आरोप उम्मीदवारों और साक्षात्कारकर्ताओं के साक्ष्य से साबित हो गया है।

चार महीने तक काम कर सकेंगे ये शिक्षक

अदालत ने हालांकि व्यवस्था दी कि ये शिक्षक अगले चार महीने तक काम कर सकेंगे लेकिन उन्हें पारा शिक्षकों के लिए निर्धारित वेतन मिलेगा। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि ये प्राथमिक शिक्षक नियमित शिक्षक के तौर पर कार्य नहीं कर सकेंगे क्योंकि उनकी नियुक्ति के दौरान तय प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया गया। 

बता दें कि कई याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट का रुख किया था और दावा किया था कि 42,500 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में अनियमितता की गई है। अदालत ने पाया कि बड़ी संख्या में की गई भर्तियों में अनुचित प्रक्रिया अपनाई गई और वे अप्रशिक्षित भी थे जबकि वर्ष 2016 में प्राथमिक शिक्षक भर्ती वर्ष 2014 के शिक्षक पात्रता परीक्षा (टेट) के आधार पर होनी थी। 

हाई कोर्ट ने नए सिरे से शिक्षकों की भर्ती का दिया निर्देश

हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि तीन महीने के भीतर 2014 टेट परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यार्थियों में से नए सिरे से शिक्षकों की भर्ती की जाए। याचिकाकर्ताओं की ओर पेश अधिवक्ता तरुणज्योति तिवारी ने दावा किया कि प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित अभ्यार्थियों के लिए तय आरक्षण का नियुक्ति प्रक्रिया में अनुपालन नहीं किया गया।

वहीं, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष गौतम पॉल ने दावा किया कि भर्ती प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आदेश की प्रति मिलने के बाद अगले कानूनी कदम पर विचार किया जाएगा।

(भाषा इनपुट)

Web Title: Calcutta High Court's big order, cancelled appointment of 36 thousand teachers in West Bengal

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