पूर्वोत्तर में CAB के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन, मेघालय में मोबाइल इंटरनेट बंद, असम में सेना ने ट्रेन के यात्रियों को भीड़ से बचाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 13, 2019 05:53 IST2019-12-13T05:53:02+5:302019-12-13T05:53:02+5:30
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बावजूद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से संयम बरतने और कानून अपने हाथ में नहीं लेने की बृहस्पतिवार को अपील की। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से उकसाने वाले दृश्यों या रिपोर्टों को नहीं दिखाने की अपील की।

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पूर्वोत्तर में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर विरोध के चलते बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति बनाय रखने के लिए प्रशासन हरसंभव कोशिश कर रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय मे हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। इस बीच मेघालय सरकार ने गुरुवार को अगले 48 घंटों के लिए राज्य भर में मोबाइल इंटरनेट और संदेश सेवाओं को बंद करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने बताया कि ये सेवाएं गुरुवार शाम पांच बजे से वापस ले ली गई हैं। राज्य की राजधानी में जिला प्रशासन ने दो पुलिस थानों में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने के चलते कर्फ्यू लगा दिया है। कर्फ्यू गुरुवार रात 10 बजे से अगले आदेश तक लागू हो गया है।
आदेश में कहा कि एसएमएस, व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग प्लेटफार्म और फेसबुक, ट्विटर तथा यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल ऐसे संदेशों को प्रसारित करने के लिए किया जा सकता है, जिनसे अशांति फैल सकती है और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी सकती है। जिला उपायुक्त एम डब्ल्यू नोंगब्री ने बताया कि गुरुवार रात 10 बजे से अगले आदेश तक प्रभावी होने वाले कर्फ्यू से कम से कम 20 इलाके प्रभावित हो गया है।
असम के डीजीपी ने संयम बरतने की अपील की
असम के पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बावजूद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से संयम बरतने और कानून अपने हाथ में नहीं लेने की बृहस्पतिवार को अपील की। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से उकसाने वाले दृश्यों या रिपोर्टों को नहीं दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा कि कई ‘‘शरारती तत्व’’ और राजनीतिक संपर्क वाले लोग राज्य में गड़बड़ी पैदा करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने कहा, ‘‘जो हमले (प्रदर्शनकारियों द्वारा) हो रहे हैं, वे ठीक नहीं हैं और यदि लोग कानून एवं व्यवस्था को अपने हाथ में लेते हैं तो समस्या होगी।’’
डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने बस टर्मिनल को लगाई आग
असम के डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने असम राज्य परिवहन निगम (एएसटीसी) के बस टर्मिनल को आग लगा दी। अधिकारियों ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग शहर के चौकीडिंगी इलाके में स्थित एएसटीसी टर्मिनल में पहुंच गए और वहां तोड़फोड़ की तथा परिसर को आग लगा दी। जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना और दमकल कर्मी मौके पर पहुंचे और आग को बुझाया। हालांकि घटना में परिसर को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा है।
सेना ने ट्रेन के यात्रियों को भीड़ से बचाया
समूचे असम में गुरुवार को हजारों लोगों द्वारा नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच सेना ने कहा कि उसने नहारकाटिया रेलवे स्टेशन पर एक एक्सप्रेस ट्रेन के यात्रियों को भीड़ से बचाया जो रेल के डिब्बों को आग लगाने पर उतारू थे। सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि भीड़ ने नहारकाटिया में सिलचर-डिब्रुगढ ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस को घेर लिया और वे उसमें आग लगाने ही वाले थे कि सुरक्षा बल वहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों ने यात्रियों को बचाने के लिए तत्काल मदद का अनुरोध किया था। उन्होंने बताया कि तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियां मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने तुरंत मौके से भीड़ को खदेड़ दिया।
पुलिस गोलीबारी में दो की मौत
असम के गुवाहाटी में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस गोलीबारी में घायल हुए दो लोगों की बृहस्पतिवार को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति को ‘‘मृत लाया गया’’ था जबकि एक अन्य की इलाज के दौरान मौत हो गई। अधिकारी हालांकि मृत लोगों के नाम नहीं बता सके। उन्होंने कहा कि उनकी पहचान नहीं हो सकी है। नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असम में हजारों की संख्या में लोग कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आये। प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें भी हुई। असम में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज होने के बीच हजारों की संख्या में लोगों ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी में कर्फ्यू का उल्लंघन किया और सड़कों पर उतरे।
सेना गुवाहाटी में कर रही है फ्लैग मार्च
सेना की टुकड़ियां शहर में फ्लैग मार्च कर रही हैं। प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस को लालुंग गांव में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां भी चलानी पड़ीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने उनपर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि इस घटना में चार लोग घायल हो गए। हालांकि इस घटना के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। गुवाहाटी एक छावनी में तब्दील हो गया है क्योंकि यहां प्रत्येक नुक्कड़ और चौराहे पर सेना, अर्द्धसैनिक बल और राज्य पुलिस के जवान तैनात हैं।