नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (NRC) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। कुछ इलाकों में इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप अख्तियार कर लिया। वाम पार्टियों ने आज देशव्यापी प्रदर्शन का आवाहन किया है। इसमें कई अन्य संगठन भी हैं। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में धारा 144 यानी निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी दिल्ली समेत देश के कई अन्य इलाकों में भी धारा 144 लागू है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर क्या होती है धारा 144? अगर आपके इलाके में भी धारा 144 लागू है तो जानिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सीआरपीसी के तहत आने वाली धारा-144 जिलाधिकारी के नोटिफिकेशन से जारी की जाती है। यह उस स्थिति में लगाई जाती है जब इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बिगड़ने या दंगे की आशंका हो। धारा 144 से जुड़े कुछ मुख्य प्रावधान निम्न प्रकार हैं...
- धारा 144 जिस इलाके में लगती है वहां पांच या उससे ज्यादा आदमी एकसाथ जमा नहीं हो सकते हैं।
- जिन इलाकों में धारा 144 लागू होती है वहां हथियार ले जाने पर भी पाबंदी होती है।
- किसी इलाके में धारा-144 को दो महीने से ज्यादा समय तक नहीं लगाया जा सकता। राज्य सरकार को इसकी अवधि 6 माह तक बढ़ाने का अधिकार होता है।
- अगर कोई व्यक्ति धारा 144 के प्रावधानों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ दंगे में शामिल होने का मामला दर्ज किया जा सकता है।
- इस धारा उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन सजा की सजा हो सकती है।
- उस व्यक्ति की गिरफ्तारी धारा-107 या फिर धारा-151 के तहत की जा सकती है।
- यह एक जमानती अपराध है, इसमें जमानत हो जाती है।
दिल्ली पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर लाल किले के आसपास सीआरपीसी की धारा 144 के तहत बृहस्पतिवार को निषेधाज्ञा लागू कर दी। कई इलाकों में कॉलिंग-एसएमएस और इंटरनेट पर भी पाबंदी लगा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि लाहौरी गेट, कश्मीरी गेट और कोतवाली पुलिस थाने इस निषेधाज्ञा आदेश के दायरे में आएंगे। पुलिस कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए लाल किले के आसपास विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से पहले ही इंकार कर चुकी है। लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे विरोध रैली निकालेंगे।