CAA Protest: कांग्रेस के बड़े नेता प्रदर्शन से दूर, प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर साधा निशाना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 21, 2019 18:44 IST2019-12-21T18:44:29+5:302019-12-21T18:44:29+5:30
जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि सड़क पर चल रहे विरोध में कांग्रेस के बड़े नेता गायब है। वह प्रदर्शन में अनुपस्थिति रह रहे हैं। किशोर ने नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस नेताओं से कहा कि आप प्रदर्शन में भाग लें। नहीं तो कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का वीडियो को कोई मतलब नहीं रह जाएगा।

हम अनुभव के आधार पर जानते हैं कि सबसे अधिक परेशानी गरीबों और वंचित तबके को होगी।
राजनीतिक रणनीतिकार एवं जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर रविवार को एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू करना नागरिकता की नोटबंदी के समान है।
जद(यू) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि सड़क पर चल रहे विरोध में कांग्रेस के बड़े नेता गायब है। वह प्रदर्शन में अनुपस्थिति रह रहे हैं। किशोर ने नाराजगी जाहिर की। कांग्रेस नेताओं से कहा कि आप प्रदर्शन में भाग लें। नहीं तो कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी का वीडियो को कोई मतलब नहीं रह जाएगा।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि सीएए-एनआरसी के खिलाफ नागरिकों की लड़ाई से कांग्रेस और उसका शीर्ष नेतृत्व सड़क से नदारद है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मुद्दे पर शुक्रवार देर रात एक वीडियो जारी किया था। कम से कम आप कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों से कह सकते हैं कि वे इस बात की घोषणा करें कि अपने राज्य में एनआरसी लागू नहीं करेंगे।
Congress is not on streets and its top leadership has been largely absent in the citizens’ fight against CAA-NRC
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 21, 2019
The least party could do it to make ALL Congress CMs join other CMs who have said that they will not allow NRC in their states. Or else these statements means nothing https://t.co/EWJLyc3kgR
नागरिकता की नोटबंदी के समान है राष्ट्रव्यापी एनआरसी का विचार : प्रशांत किशोर
किशोर ने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रव्यापी एनआरसी का विचार नागरिकता की नोटबंदी के समान है.... जब तक आप इसे साबित नहीं करते, तब तक अवैध है। हम अनुभव के आधार पर जानते हैं कि सबसे अधिक परेशानी गरीबों और वंचित तबके को होगी।’’ किशोर ने जदयू अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में बैठक के बाद कहा था कि वह नये नागरिकता कानून को लेकर अपने रुख पर कायम हैं।
गौरतलब है कि किशोर ने नागरिकता कानून का उनकी पार्टी द्वारा समर्थन किए जाने की सार्वजनिक रूप से आलोचना की थी। किशोर ने कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून “बड़ी चिंता की बात नहीं है” लेकिन यह प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के साथ मिलकर समस्या बन सकता है।
उन्होंने शनिवार को नीतीश के साथ लगभग एक घंटे तक विवादित कानून को लेकर चर्चा की थी। जद(यू) उपाध्यक्ष किशोर ने बैठक के बाद कहा था, “पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते उन्हें (नीतीश कुमार को) तय करना है कि कौन सही है और कौन नहीं। मैंने जो विचार प्रकट किये, उन पर कायम हूं। मुझे नहीं लगता कि पार्टी में मेरा कोई दुश्मन है।”
मुख्यमंत्री के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया कि जनवरी 2019 में संसद में पहली बार नागरिकता संशोधन विधेयक पेश किए जाते समय जदयू ने इसका विरोध किया था लेकिन भाजपा ने जब यह तर्क दिया कि इस विधेयक का लक्ष्य और लोगों को नागरिकता देना है तो कुमार ने रुख बदल लिया था। इस कानून के खिलाफ पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर भारत में हिंसा ने कुमार को दुविधा में डाल दिया है। सूत्रों ने दावा किया कि कुमार एनआरसी का विरोध करने के अपने पहले रुख पर अडिग रहेंगे।