NRC, CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को असम भवन और यूपी भवन से हिरासत में लिया गया

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 23, 2019 04:50 PM2019-12-23T16:50:18+5:302019-12-23T16:50:18+5:30

एनआरसी और सीएए के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसके चलते लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ इलाकों में ये प्रदर्शन हिंसक भी हुआ जिसमें कई लोगों की जानें भी गईं...

CAA NRC Protest Delhi Police detaining student protestors outside Assam Bhawan Delhi | NRC, CAA के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों को असम भवन और यूपी भवन से हिरासत में लिया गया

फोटो क्रेडिट: स्क्रीनशॉट

Highlightsविरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों ने सरकार पर 'अशांति' फैलाकर प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करके लोगों को बांटने का आरोप लगाया।ऑल आसाम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) का कहना है कि हमारा आंदोलन हिंदुओं, मुसलमानों या अन्य किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ है और कानून निरस्त होने तक जारी रहेगा। 

संशोधित नागरिकता कानून (CAA) और NRC के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों को दिल्ली स्थित असम भवन से हिरासत में लिया गया है। कई लोगों को उत्तर प्रदेश भवन से भी हिरासत में लिया गया है।

हिरासत में लिये जाने के बाद जब इतिहास की छात्रा मैत्रेयी को बस में ले जाया जा रहा था तो उसने कहा सभी जगह धारा 144 लागू है। हिरासत में लेना आसान है। हम उत्तर प्रदेश की तरह पीड़ित नही हैं। कम से कम हम इतना तो कर सकते हैं। 



इससे पहले पूरे असम में भी एनआरसी और सीएए को लेकर प्रदर्शन जारी रहे जहां कई सामाजिक संगठनों और विपक्षी दलों ने गुवाहाटी तथा राज्य के कई स्थानों पर धरने दिये। गुवाहाटी उच्च न्यायालय बार संघ ने भी अदालत परिसर के अंदर ‘सत्याग्रह’ किया तथा ऑल आसाम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) द्वारा आयोजित राज्यव्यापी आंदोलन में भाग लिया। 

आसू के प्रमुख सलाहकार समुज्जल कुमार भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘हमारा आंदोलन हिंदुओं, मुसलमानों या अन्य किसी समुदाय के खिलाफ नहीं है। यह केवल अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के खिलाफ है और कानून निरस्त होने तक जारी रहेगा।’’ 

कांग्रेस ने पूरे राज्य में ‘जन सत्याग्रह’ आयोजित किया। पार्टी सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने विभिन्न स्थानों पर धरने दिये। वाम लोकतांत्रिक मोर्चा ने भी यहां धरने दिये। मोर्चा में माकपा, भाकपा, भाकपा माले, आरसीपीआई, जनता दल (एस), राकांपा, एलडीपी, आप और असम संग्रामी मंच शामिल हैं। 

आसू के मुख्य सलाहकार ने आरोप लगाया कि सरकार ‘अशांति’ फैलाकर तथा प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करके लोगों को बांटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, ‘‘कानून स्पष्ट रूप से असम और पूर्वोत्तर की जनता की भावनाओं का अपमान करता है। यह राज्य और उसकी जनता का अपमान है।’’ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा ने कहा कि पार्टी तब तक चुप नहीं रहेगी जब तक सरकार कानून को वापस नहीं लेती। 

Web Title: CAA NRC Protest Delhi Police detaining student protestors outside Assam Bhawan Delhi

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