श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में प्रशासन ने कश्मीर में सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों की जो दूसरी सूची जारी की है वह हैरान कर देने वाली है। इस सूची के मुताबिक, श्रीनगर में न सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला का नाम है बल्कि जम्मू-कश्मीर बैंक की कई ब्रांचे और श्रीनगर की पूरी रेडियो कालोनी भी सरकारी कब्जे वाली जमीन पर स्थापित की गई है। इसी सूची के मुताबिक, सोनामर्ग और गग्नगीर इलाके में तो 28 होटल भी ऐसी ही भूमि पर बने हैं।
इस बीच पुलिस ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह यहां एक अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान पथराव के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया और चार को हिरासत में लिया गया। उन्होंने बताया कि शनिवार को नरवाल बाइपास इलाके के मलिक बाजार में अतिक्रमण की जमीन पर बने वाहन शोरूम को गिराने के अभियान के दौरान हुए पथराव में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गये। पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों में शोरूम का मालिक सज्जाद अहमद बेग भी शामिल है।
जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से पूरे जम्मू कश्मीर में प्रशासन का बुलडोजर तबाही मचा रहा है और लाखों लोग त्राहिमाम कर रहे हैं जिन्होंने सरकारी जमीनों पर कब्जा कर या तो उन पर व्यावसायिक इमारतें खड़ी कर दी हैं या फिर आशियाने बना लिए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूरे जम्मू कश्मीर में अभी तक 5 लाख कनाल से अधिक की भूमि अतिक्रमण से मुक्त करवाई जा चुकी है।
हजारों घरों और दुकानों को जमींदोज कर दिया गया है। हालांकि, प्रशासन और उप राज्यपाल बार-बार यह कह रहे हैं कि 5 से लेकर 15 मरला तक के अतिक्रमणकारियों को छेड़ा नहीं जाएगा पर बाबा का बुलडोजर बिना किसी नाप के सब कुछ मिट्टी में मिलाता जा रहा है। ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ कश्मीर में ही लाखों कनाल भूमि पर नेताओं, पुलिस अफसरों और अन्य लोगों ने कब्जा किया हो बल्कि जम्मू संभाग, यहां तक की जम्मू जिले में भी ऐसे सैंकड़ों मामले हैं। जम्मू जिले के मामलों में खास बात यह है कि इनमें भाजपा के कई नेता भी शामिल हैं जिनके कब्जे से सरकारी जमीन को मुक्त करवाया गया है पर उनके नामों पर इतना शोर नहीं मचा है।