Budget 2024: लोकसभा चुनाव सर पर!, लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज, कर मोर्चे पर कोई राहत नहीं, एक घंटे से भी कम समय में पिछले 10 साल की उपलब्धियों को रखा, जानिए

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 1, 2024 01:58 PM2024-02-01T13:58:46+5:302024-02-01T14:05:41+5:30

Budget 2024: महिला, युवा, किसान पर फोकस किया। आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा।

Budget 2024 Lok Sabha elections Avoidance of populist announcements No relief tax front Listed achievements government last 10 years in less than an hour see video | Budget 2024: लोकसभा चुनाव सर पर!, लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज, कर मोर्चे पर कोई राहत नहीं, एक घंटे से भी कम समय में पिछले 10 साल की उपलब्धियों को रखा, जानिए

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Highlightsवित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया।लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।

Budget 2024: मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले संसद में अंतरिम बजट पेश किया गया। लोकसभा चुनाव सर पर होने के बाद भी लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया। इनकम टैक्स में कोई राहत की घोषणा नहीं की। 7 लाख रुपये की छूट जारी रहेगी। महिला, युवा, किसान पर फोकस किया। आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी आशा वर्कर्स, आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को भी कवर किया जाएगा। सीतारमण ने संसद में केंद्रीय अंतरिम बजट 2024-25 पेश किया। भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले 10 वर्षों में गहरा सकारात्मक परिवर्तन देखा है, भारत के लोग आशा के साथ भविष्य की ओर देख रहे हैं। जब हमारी सरकार - पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में- 2014 में सत्ता संभाली तब देश को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। सरकार ने उन चुनौतियों पर सही तरीके से काबू पाया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को अगले वित्त वर्ष के लिए सुधारों को आगे बढ़ाने वाला अंतरिम बजट पेश किया, जिसमें लोकलुभावन घोषणाओं से परहेज किया गया है। उन्होंने वित्त वर्ष 2024-25 का लेखानुदान या अंतरिम बजट पेश करते हुए एक तरफ जहां आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये पूंजीगत व्यय 11 प्रतिशत बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है, वहीं चालू वित्त वर्ष के लिये राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को संशोधित कर इसे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। कुल 47.66 लाख करोड़ रुपये के व्यय का बजट पेश किया गया है।

सीतारमण ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर कोई राहत नहीं दी। हालांकि 25,000 रुपये तक के छोटी राशि के कर मांग को लेकर विवाद से आम लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया। एक घंटे से भी कम समय के अपने बजट भाषण में उन्होंने पिछले 10 साल में सरकार की उन उपलब्धियों को रखा जिससे देश ‘नाजुक अर्थव्यवस्था’ की श्रेणी से बाहर निकल गर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना।

बजट में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूंजीगत व्यय 11.11 लाख करोड़ रुपये रखा गया। वहीं चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 5.9 प्रतिशत से घटाकर 5.8 प्रतिशत रहने का संशोधित अनुमान रखा गया है। राजकोषीय घाटा अगले वित्त वर्ष में 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले की हर चुनौती को आर्थिक प्रबंधन और बेहतर राजकाज के माध्यम से दूर किया गया जा चुका है।

सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार अपने जुलाई के बजट में भारत को एक विकसित देश बनाने के लिए विस्तृत रुपरेखा पेश करेगी। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में कहा, ‘‘सुधार, प्रदर्शन और बदलाव’ के सिद्धांत के आधार पर सरकार अगली पीढ़ी के सुधारों को आगे बढ़ाएगी और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यों तथा संबंधित पक्षों के साथ आम सहमति बनाएगी।’’

चालू वित्त वर्ष के लिए कुल प्राप्तियां 30.03 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। यह बजट अनुमान से अधिक है। यह अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शाता है। सीतारमण ने कहा, ‘‘हम राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं... हमने राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है और इसपर आगे बढ़ रहे हैं।’’

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