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बजट 2019: जानें अंतरिम बजट की तारीख, समय और इससे जुड़ी खास बातें, हो सकती हैं ये घोषणाएं

By पल्लवी कुमारी | Updated: January 31, 2019 20:52 IST

Budget 2019 Date and time: वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल पेश करेंगे। अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है।

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ठळक मुद्देराष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में हिन्दी में अभिभाषण दिया।आम चुनाव के बाद मई में चुनकर आने वाली नई सरकार ही जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। 

लोकसभा चुनाव 2019 पहले केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार एक फरवरी को अंतरिम बजट 2019-20 पेश करेगी। वित्त मंत्रालय का कामकाज देख रहे अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल बजट पेश करेंगे। अरुण जेटली के इलाज के लिए अमेरिका जाने के बाद नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। बजट को लेकर इससे पहले उस समय भ्रम की स्थिति बन गई थी जब वाणिज्य मंत्रालय ने मीडिया को भेजे एक व्हॉट्सएप संदेश में, "2019-20 के बजट को अंतरिम बजट न बताकर इसे 2019-20 के आम बजट के तौर पर बताया। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने बाद में स्पष्ट करते हुये कहा कि यह अंतरिम बजट ही होगा।

2019-20 के अंतरिम बजट के बारे में जान लें ये बातें...

- सरकार ने अंतरिम बजट पेश करने की घोषणा 30 जनवरी 2019 को की।  - वित्त मंत्री सुबह 11 बजे से एक फरवरी 2019 को संसद में बजट पेश करेंगे। - बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलने वाला है। -  2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार का ये आखिरी बजट है, इसलिए ये अंतरिम बजट है। - एक फरवरी से  13 फरवरी 2019 तक चलने वाला बजट सत्र के दौरान प्रश्नकाल 5 दिन का होगा।  जो 4 फरवरी से 8 फरवरी तक है। -  8 फरवरी 2019 को निजी सदस्यों के बिल चर्चा के लिए उठाए जाएंगे।- आम चुनाव के बाद मई में चुनकर आने वाली नई सरकार ही जुलाई में पूर्ण बजट पेश करेगी। 

-यह बजट केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार के मौजूदा कार्यकाल का छठा और अंतिम बजट होगा। 

क्या होता है अंतरिम बजट 

अंतरिम बजट को हम को वोट ऑन अकाउंट, लेखानुदान मांग और मिनी बजट के नामों से भी जानते हैं। मोटे तौर पर समझा जाए तो जिस साल लोकसभा चुनाव होता है, उस साल सरकार अंतरिम बजट पेश करती है। चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है। यानी जो पूरे एक साल के लिए हो।

वोट ऑन अकाउंट के जरिए सरकार को सीमित समय के लिए संसद से मंजूरी मिलती है। इसमें तीन या चार महीनों के लिए सरकारी कर्मियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष से धन लेने का प्रस्ताव होता है। इसके पीछे का तर्क ये है कि जब सरकार का कार्यकाल पूरा हो रहा हो तो वो अगले पूरे साल के लिए घोषणाएँ नहीं कर सकती क्योंकि चुनाव बाद नई सरकार भी बन सकती है। ऐसे में मौजूदा सरकार अगली सरकार पर अपने वित्तीय फैसले और बजट को लाद नहीं सकती है। हालांकि भारतीय संविधान में अंतरिम बजट जैसा कोई शब्द नहीं है।

2014 में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेश किया था अंतरिम बजट

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2014 में फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया था। इसके बाद में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) की सरकार बनने के बाद वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जुलाई में पूर्ण बजट पेश किया था। 

अंतरिम बजट पेश होने से पहले 31 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बृहस्पतिवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में हिन्दी में अभिभाषण दिया। इस दौरान केंद्रीय कक्ष 147 बार सदस्यों की मेज की थपथपाहट एवं तालियों से गूंजा । उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के पहले एवं अंतिम पैरे का अंग्रेजी अंश पढ़ा।

बजट सत्र की शुरुआत पर संसद के केन्द्रीय कक्ष में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति कोविंद के अभिभाषण में जब रक्षा तैयारियों के संदर्भ में राफेल विमान खरीद सौदे का जिक्र आया तब करीब 40 सेकेंड तक तालियां बजी । इसके अलावा सर्जिकल स्ट्राइक, वन रैंक..वन पेंशन, राष्ट्रीय पुलिस स्मारक संबंधी उल्लेख पर भी सदस्यों ने तालियां बजायी । नोटबंदी, जीएसटी, मुद्रा योजना में महिला उद्यमियों को रिण देने, किसानों का उल्लेख, गंगा की स्वच्छता, भारत रत्न संबंधी उल्लेख तथा उज्ज्वला योजना का जिक्र होने के समय भी सदस्यों ने तालियां बजायी ।

2019 के अंतरिम बजट में हो सकती हैं ये घोषणाएं 

- बजट में आयकर छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा किसानों के लिये राहत पैकेज, छोटे उद्यमियों को समर्थन और कुछ अन्य लोक लुभावन घोषणायें वित्त मंत्री पीयूष गोयल के बजट का हिस्सा हो सकतीं हैं। 

- कांग्रेस के उभार को देखते हुये गोयल किसानों को राहत पहुंचाने के लिये प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण जैसे किसी योजना की घोषणा कर सकते हैं।

- किसानों को राहत पैकेज पर 70 हजार करोड़ से लेकर एक लाख करोड़ रुपये तक की लागत आ सकती है। 

-  बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट सीमा को मौजूदा ढाई लाख से बढ़ाकर तीन लाख रुपये किया जा सकता है जबकि 60 से 80 वर्ष की आयु वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिये इसे साढे तीन लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। महिलाओं की भी साढे तीन लाख रुपये तक की सालाना आय को करमुक्त किया जा सकता है। 

- विभिन्न निवेशों पर धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को मौजूदा डेढ लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये किया जा सकता है जबकि आवास रिण पर मिलने वाली वार्षिक ब्याज छूट को मौजूदा दो लाख रुपये से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की घोषणा हो सकती है। 

- छोटे व्यावसायों के लिये सस्ते कर्ज की योजना घोषित हो सकती है। कृषि क्षेत्र के राहत पैकेज में संभावित विकल्पों के तौर पर तेलंगाना राज्य की तर्ज पर किसानों को सीधे नकद राशि के हस्तांतरण की घोषणा की जा सकती है।(समाचार एजेंसी पीटीआई इनपुट के साथ)

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