Budget 2018: नरेंद्र मोदी सरकार के आखिरी पूर्ण बज़ट में इन 5 चीजों पर रहेगी सबकी नज़र
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 1, 2018 08:27 AM2018-02-01T08:27:28+5:302018-02-01T10:59:51+5:30
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली नरेंद्र मोदी सरकार का आख़िरी पूर्ण बज़ट पेश करेंगे। वित्त मंत्री सुबह 11 बजे बज़ट पेश करेंगे।
गुरुवार (एक फ़रवरी) को केंद्रीय वित मंत्री अरुण जेटली जब लोक सभा में नरेंद्र मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बज़ट पेश करेंगे तो उनके कन्धों पर सवा सौ करोड़ देशवासियों की उम्मीदों का बोझ होगा। कॉलेज में पढ़ाई करने नौजवान , खेत में काम कर रहा किसान , रसोई में बैठी हुई नारी और दुकान पर बैठा व्यापारी .... सब के जेहन में बस एक ही सवाल होगी क्या खास रहने वाला हैं उनके लिए इस बजट में । क्या यह सिर्फ लोकलुभावन बजट पेश होगा या कुछ सख्त कदम भी उठाएं जाएगे। वित मंत्री ऐसे समय में बज़ट पेश करेंगे जब अगले चौबीस महीने के भीतर लोकसभा चुनाव के अलावा 17 अलग - अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं । मोदी सरकार के पास यह आखिरी मौका होगा की वह सबके उम्मीदों पर खरा उतरे सके। आइए देखते हैं विशेषज्ञों के अनुसार वो कौन से पाँच मुद्दे हैं जिन पर इस बज़ट में सबकी नज़र रहेगी।
बजट 2018 LIVE Streaming: यहां देखिए वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण का सीधा प्रसारण
1- आयकर की छूट की सीमा बढ़ाना
पिछले साल के बज़ट में नरेंद्र मोदी सरकार ने 2.5 लाख से 5 लाख तक सालाना आय वालों पर लगने वाला टैक्स की दर घटाकर 5 प्रतिशत की थी। अरुण जेटली ने लोक सभा चुनाव 2014 से पहले अपने एक भाषण में ज़ीरो प्रतिशत टैक्स का स्लैब बढ़ाकर पाँच लाख रुपये तक करने की माँग की थी। मोदी सरकार के आखिरी बज़ट में उम्मीद की जाएगी कि वो टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाएंगे।
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2 — किसानों के लिए छूट
नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था लेकिन किसान पिछले साल विभिन्न सरकारों के खिलाफ सड़कों पर उतरते रहे। पिछले कुछ सालों में होने वाले किसानों के विरोध प्रदर्शन में सौ गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मोदी सरकार के पास आखिरी मौका ये साबित करने का कि वो किसानों की हितैषी है।
3- युवाओं को रोजगार
नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने चुनाव भाषण में हर साल दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने की बात कही थी। लेकिन जमीनी आंकड़े कुछ और गवाही देते हैं। मोदी सरकार ेक चार साल में संगठित क्षेत्र में रोजगार निर्माण में कमी आयी है। अपने आखिरी पूर्ण बज़ट में उन्हें ठोस आंकड़ों के साथ इस मुद्दे पर देश की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
4- महँगाई
नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में लाने में महँगाई की बड़ी भूमिका रही थी। चीनी, दाल और प्यास जैसी चीजों के आसमान छूते दाम ने जनता के मन में आक्रोश भर दिया था। लेकिन मोदी सरकार के चार सालों में महँगाई कम होती नहीं दिखी है। आज देशवासी इस बात पर पूरा ध्यान देंगे कि सरकार महँगाी को कम करने के लिए क्या कर रही है।
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5- कालाधन-भ्रष्टाचार
नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के पीछे कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम के वादों की भी बड़ी भूमिका रही है। देखना है कि अपने इस बज़ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली कौन सी ऐसी घोषणाएं करते हैं जिनसे जनता को उनके वादों पर यकीन हो।