बजट 2018 LIVE Streaming: यहां देखिए वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट भाषण का सीधा प्रसारण
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: February 1, 2018 09:21 AM2018-02-01T09:21:22+5:302018-02-01T09:40:40+5:30
बजट 2018 LIVE Streaming: 1 फरवरी 2018 को भारत का केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। वित्त मंत्री सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगे। यहां देखिए सीधा प्रसारण...
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली गुरुवार (1 फरवरी) को साल 2018-19 का बजट पेश करेंगे। बजट सरकार के एक साल के आय और व्यय का लेखा-जोखा होता है। यह बजट आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर मोदी सरकार की मंशा जाहिर करने वाला होगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली 11 बजे लोकसभा में अपना बजट भाषण शुरू करेंगे। वित्त मंत्री का बजट भाषण और उसके प्रभावों की परिचर्चा के लिए आप बने रहिए www.lokmatnews.in के साथ।
कहां से देखें लाइव स्ट्रीमिंग
अरुण जेटली के भाषण का सीधा प्रसारण लोकसभा टीवी, दूरदर्शन पर देखा जा सकता है। इसके अलावा बजट भाषण को इंटरनेट पर webcast.gov.in और loksabhatv.nic.in पर देखा जा सकता है। इसके अलावा बजट भाषण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो के यूट्यूब फीड पर भी देखा जा सकता है। इसके अलावा ट्विटर पर #Budget2018 हैशटैग को फॉलो करके भी लाइव न्यूज फीड प्राप्त की जा सकती है।
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बजट में इन पांच मुद्दों पर खरा उतरने की चुनौती
1- आयकर की छूट की सीमा बढ़ाना
पिछले साल के बज़ट में नरेंद्र मोदी सरकार ने 2.5 लाख से 5 लाख तक सालाना आय वालों पर लगने वाला टैक्स की दर घटाकर 5 प्रतिशत की थी। अरुण जेटली ने लोक सभा चुनाव 2014 से पहले अपने एक भाषण में ज़ीरो प्रतिशत टैक्स का स्लैब बढ़ाकर पाँच लाख रुपये तक करने की माँग की थी। मोदी सरकार के आखिरी बज़ट में उम्मीद की जाएगी कि वो टैक्स छूट की लिमिट बढ़ाएंगे।
2 - किसानों के लिए छूट
नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का वादा किया था लेकिन किसान पिछले साल विभिन्न सरकारों के खिलाफ सड़कों पर उतरते रहे। पिछले कुछ सालों में होने वाले किसानों के विरोध प्रदर्शन में सौ गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में मोदी सरकार के पास आखिरी मौका ये साबित करने का कि वो किसानों की हितैषी है।
3- युवाओं को रोजगार
नरेंद्र मोदी ने 2014 में अपने चुनाव भाषण में हर साल दो करोड़ नौजवानों को रोजगार देने की बात कही थी। लेकिन जमीनी आंकड़े कुछ और गवाही देते हैं। मोदी सरकार ेक चार साल में संगठित क्षेत्र में रोजगार निर्माण में कमी आयी है। अपने आखिरी पूर्ण बज़ट में उन्हें ठोस आंकड़ों के साथ इस मुद्दे पर देश की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा।
4- महँगाई
नरेंद्र मोदी सरकार को सत्ता में लाने में महँगाई की बड़ी भूमिका रही थी। चीनी, दाल और प्यास जैसी चीजों के आसमान छूते दाम ने जनता के मन में आक्रोश भर दिया था। लेकिन मोदी सरकार के चार सालों में महँगाई कम होती नहीं दिखी है। आज देशवासी इस बात पर पूरा ध्यान देंगे कि सरकार महँगाी को कम करने के लिए क्या कर रही है।
5- कालाधन-भ्रष्टाचार
नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के पीछे कालाधन और भ्रष्टाचार पर लगाम के वादों की भी बड़ी भूमिका रही है। देखना है कि अपने इस बज़ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली कौन सी ऐसी घोषणाएं करते हैं जिनसे जनता को उनके वादों पर यकीन हो।