सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने आधुनिक ‘‘ड्रोन भेदी प्रणाली’’ की मांग की है ताकि संचालन क्षेत्रों में संदिग्ध हवाई प्लेटफॉर्म को नष्ट किया जा सके।
हाल में भारत- पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कई यूएवी देखे जाने के बाद बीएसएफ ने यह मांग की है। सीमा की रक्षा करने वाले बल ने ड्रोन पता लगाने वाली प्रणाली की मांग की है जिसमें रडार, रेडियो फ्रीक्वेंसी रिसीवर, जैमर और सभी मानवरहित हवाई यानों (यूएवी) को निष्क्रिय करने के लिए प्रणाली नियंत्रक हो।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीएसएफ से कहा है कि शत्रु ड्रोनों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने के लिए आवश्यक प्रौद्योगिकी हासिल करे। बल से कहा गया है कि जवानों को प्रशिक्षित किया जाए जो जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में भारत-पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इन प्रणालियों को संभाल सकें।’’
बल ने ड्रोन भेदी प्रणाली की मांग की है जिसे या तो जमीन पर रखा या फिर किसी वाहन पर लगाया जा सके। बीएसएफ की मांग में कहा गया है कि प्रणाली अकेले उड़ रहे किसी वस्तु या समूह में उड़ रहे यूएवी को दूर से ही पहचानने में सक्षम हो और दस सेकेंड के अंदर लक्ष्य का पता लगा सके।
अनुमान के मुताबिक भारत में छह लाख से अधिक शत्रु ड्रोन या बिना नियंत्रण वाले मानवरहित हवाई यान (यूएवी) हैं और सुरक्षा एजेंसियां ‘स्काई फेंस’ और ‘ड्रोन गन’ जैसे आधुनिक ड्रोन भेदी हथियार का विश्लेषण कर रही हैं ताकि इन हवाई वाहनों के माध्यम से आतंकवाद फैलाने या तोड़फोड़ की किसी घटना को रोका जा सके।
BSF ग्राउंड आधारित 'एंटी-ड्रोन सिस्टम' खरीदेगा जिसमें 360 डिग्री निगरानी क्षमता होगी। सिस्टम में जीपीएस जैमिंग सिस्टम भी होगा और सभी प्रकार के ड्रोन का पता लगाने में सक्षम होगा। यह पाकिस्तान की ओर से ड्रोन की घुसपैठ से निपटने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थापित किया जाएगा