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डोकलाम क्षेत्र में भारत ने बढ़ाई अपनी ताकत, वैकल्पिक सड़क बनाकर सेना के लिए बनाया आसान रास्ता

By रामदीप मिश्रा | Updated: October 3, 2019 11:18 IST

डोकलाम विवाद के बाद से भारत लगातार क्षेत्र में चीनी गतिविधियों की निगरानी बनाए हुए है और किसी भी आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है। 

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ठळक मुद्देसाल 2017 में डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद भारत इस क्षेत्र में अपनी मजबूती बढ़ा रहा है।सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने यहां एक वैकल्पिक सड़क का निर्माण किया है जिसके माध्यम से सेना डोकलाम घाटी में प्रवेश कर सकती है।

साल 2017 में डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद भारत इस क्षेत्र में अपनी मजबूती बढ़ा रहा है। उसके सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने यहां एक वैकल्पिक सड़क का निर्माण किया है जिसके माध्यम से सेना डोकलाम घाटी में प्रवेश कर सकती है। यहां ऐसा विकास किया गया है जिसके जरिए क्षेत्र में सैन्य गतिशीलता बदल जा सकती है। 

साल 2017 में भारतीय सेना को डोकलाम में सैनिकों की तैनाती में देरी हुई थी क्योंकि वैकल्पिक व्यवस्था का अभाव था। सेना एक ही सड़क के माध्यम से ट्राइजंक्शन की ओर जा सकी थी। दरअसल, ट्राईजंक्शन वह है, जहां भारत, चीन और भूटान कि सीमा मिलती है। अब वैकल्पिक सड़क के माध्यम से सेना क्षेत्र में प्रवेश करने में सक्षम होगी। साथ ही साथ सड़क लॉजिस्टिक कठिनाइयों को कम करने, समय को कम करने और तैनाती की प्रक्रिया को आसान बनाएगी।

खबरों के अनुसार, कहा गया है कि वैकल्पिक सड़क घाटी में सैनिकों के स्थानांतरण और सुदृढ़ीकरण में मदद करेगी। बता दें, भारत-भूटान-तिब्बत ट्राइजंक्शन गतिरोध 16 जून, 2017 को शुरू हुआ था। उस समय पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने डोकलाम में प्रवेश किया था। इस मुद्दे को अंततः 28 अगस्त 2017 को सुलझा लिया गया था। 

आपको बता दें डोकलाम विवाद के बाद से भारत लगातार क्षेत्र में चीनी गतिविधियों की निगरानी बनाए हुए है और किसी भी आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है। 

गृह मंत्रालय ने 2018-19 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा था कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ‘मजबूत और निर्णायक’ कदम उठाना जारी रखेगा। डोकलाम में 72 दिनों तक चले गतिरोध के बाद 28 अगस्त 2017 को सैनिकों को वापस बुलाने के पश्चात भारतीय और चीनी सैनिकों को अपने-अपने संबंधित मोर्चे से दूरी पर फिर से तैनात किया गया था। इस साल, चीनी अतिलंघन में काफी कमी आई है। इसी तरह दोनों देशों के सैनिकों के बीच टकराव में भी कमी आई है। 

रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय सेना क्षेत्र में चीनी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रही है और किसी भी आकस्मिक स्थिति का जवाब देने के लिए पर्याप्त रूप से तैयार है। भारत-चीन सीमा पर स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है। सीमा पर कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर अलग-अलग धारणाएं हैं। दोनों पक्ष एलएसी की अपनी संबंधित धारणाओं के अनुसार गश्त करते हैं। 

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