समुद्र में नौसेना की शक्ति बढ़ी, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का युद्धपोत से सफल परीक्षण किया गया
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: May 14, 2023 04:46 PM2023-05-14T16:46:50+5:302023-05-14T16:49:13+5:30
भारतीय नौसेना जल्द ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस से 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल खरीदने वाली है। अधिकतर स्वदेशी सामग्री वाली ये मिसाइल भारतीय नौसेना के सभी फ्रंटलाइन युद्धपोतों पर तैनात की जाएंगी।
नयी दिल्ली: भारतीय नौसेना की ताकत में इजाफा हुआ है। नौसेना की अग्रिम पंक्ति की मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ से एक ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल परीक्षण ने समुद्र में नौसेना की शक्ति को प्रदर्शित किया है। नौसेना के एक अधिकारी ने कहा, "नयी निर्देशित मिसाइल विध्वंसक, आईएनएस मोरमुगाओ ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के अपने प्रथम परीक्षण के दौरान सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेदा।" अधिकारी ने कहा, "स्वदेश विकसित जहाज और उसकी हथियार प्रणाली आत्मनिर्भरता का तथा समुद्र में नौसेना की शक्ति का एक और शानदार उदाहरण है।"
मिसाइल परीक्षण के स्थान के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पाई है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड भारत-रूस का एक संयुक्त उद्यम है, जो सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल निर्मित करता है। यह मिसाइल, पनडुब्बी, जहाज और विमान या जमीनी ‘प्लेटफॉर्म’ से दागी जा सकती है।
सैन्य अधिकारी ने बताया कि भारतीय नौसेना ने डीआरडीओ की तरफ से डिजाइन किए गए स्वदेशी ‘सीकर और बूस्टर’ के साथ पोत से प्रक्षेपित किए गए ब्रह्मोस प्रक्षेपास्त्र ने लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाया। इससे रक्षा क्षेत्र में हम ताकतवर होंगे।
ब्रह्मोस मिसाइल की रफ्तार 2.8 मैक है जो ध्वनि की रफ्तार से लगभग तीन गुना है। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के युद्धपोत रोधी संस्करण का पिछला सफल परीक्षण गत वर्ष अप्रैल में किया गया था। बता दें कि भारत ब्रह्मोस मिसाइलों का निर्यात भी कर रहा है। पिछले वर्ष जून में भारत ने फिलीपींस के साथ इन मिसाइलों की आपूर्ति का 37.5 करोड़ अमेरिकी डालर का सौदा किया था।
बता दें कि भारतीय नौसेना जल्द ही ब्रह्मोस एयरोस्पेस से 200 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसॉनिक क्रूज मिसाइल खरीदने वाली है। अधिकतर स्वदेशी कंटेंट वाली ये मिसाइल भारतीय नौसेना के सभी फ्रंटलाइन वॉरशिप्स पर तैनात की जाएंगी। इस मिसाइल का नाम दो नदियों भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मस्कवा नदी के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि ये एंटी-शिप क्रूज मिसाइल के रूप में दुनिया में सबसे तेज गति की मिसाइल है।