BPSC Protest: बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन को हवा देने में जुटे कोचिंग संचालक, खान सर खुलकर आए सामने
By एस पी सिन्हा | Updated: February 18, 2025 18:08 IST2025-02-18T18:07:10+5:302025-02-18T18:08:20+5:30
सोमवार को खान सर अभ्यर्थियों के साथ सड़कों पर उतरे थे। आज दूसरे दिन भी उन्होंने गर्दनीबाग पहुंचकर छात्रों से बाचतीच किया। खान सर अभ्यर्थिंयों को प्रेरित कर रहे हैं कि वो आंदोलन को एकजुट होकर और शांति से करें।

BPSC Protest: बिहार में बीपीएससी अभ्यर्थियों के आंदोलन को हवा देने में जुटे कोचिंग संचालक, खान सर खुलकर आए सामने
पटना: बीपीएससी 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर मामला थमने का नाम नही ले रहा है। पिछले करीब 63 दिनों ने अभ्यर्थियों के जारी आंदोलन को कई दौर से गुजरना पडा, लेकिन हाल जस के तस है। आयोग झुकने को तैयार नही है और आंदोलनरत अभ्यर्थी मानने को तैयार नही हैं। बीच में सियासी सहयोग के बाद अब कोचिंग संचालक आंदोलन को हवा देने के लिए खुलर सामने आने लगे हैं। इसी कडी में कोचिंग संचालक खान सर अपनी सियासत चमकाने में जुटे हैं। यही नही गुरू रहमान ने भी अभ्यर्थियों के आंदोलन में कुदने का ऐलान किया है।
सोमवार को खान सर अभ्यर्थियों के साथ सड़कों पर उतरे थे। आज दूसरे दिन भी उन्होंने गर्दनीबाग पहुंचकर छात्रों से बाचतीच किया। खान सर अभ्यर्थिंयों को प्रेरित कर रहे हैं कि वो आंदोलन को एकजुट होकर और शांति से करें। सरकार को पुनर्परीक्षा कराना ही होगा। उन्होंने कहा कि यह बीपीएससी आंदोलन 2.0 है।
उन्होंने कहा कि इसके पहले वाले आंदोलन में राजनेताओं की एंट्री हो गई थी। जिसके कारण सरकार को लगा की छात्र सीरियस नहीं है। लेकिन अब हमलोगों ने इस आंदोलन को 2.0 नाम रखा है और इस आंदोलन में किसी प्रकार के राजनेता शामिल नहीं होंगे। खान सर ने कहा कि सरकार को लग चुका है कि हमलोग पुनर्परीक्षा लेकर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि हमलोगों के पास सबूत है हम इसे कोर्ट में पेश करेंगे और हमलोग जीत जाएंगे। खान सर ने कहा कि सरकार को छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए पुनर्परीक्षा पर विचार करना चाहिए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दीपक कुमार ही अब इन छात्रों के भविष्य को संवार सकते हैं। यदि परीक्षा दोबारा नहीं कराई गई, तो छात्रों का मनोबल टूट सकता है, खासकर वे जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर री-एग्जाम नहीं होता है तो इसके दोषी भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दीपक कुमार होंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है और छात्रों को भरोसा है कि न्याय मिलेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक पुनर्परीक्षा की घोषणा नहीं होती, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा और वे छात्रों के हित में अंतिम दम तक लड़ाई लड़ते रहेंगे।