नई दिल्ली: कहते हैं अगर आपके हौसले बुलंद हो तो तमाम कठिनाईयां भी आपको रोक नहीं पाती । ऐसी ही कुछ जम्मू कश्मीर के उधमपुर के मनदीप सिंह के साथ हुआ है। मनदीप ने राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित कक्षा दसवीं में 98.06 प्रतिशत अंकों के साथ अपने जिले में टॉप किया है। यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें तमाम बाधाओं का सामना करना पड़ा।
मनदीप ने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन के कारण वह स्कूल नहीं जा सके और ऑनलाइन कक्षाओं के लिए उनके पास फोन या कंप्यूटर नहीं था और न ही गांव में पर्याप्त बिजली की व्यवस्था थी लेकिन फिर भी पूरी लगन और अपने परिवार के सदस्य और शिक्षकों की मदद से उन्होंने न केवल अच्छी पढ़ाई की बल्कि परीक्षा में टॉप भी किया।
पिता किसान, खुद भी करना पड़ा खेतों में काम
मनदीप जम्मू कश्मीर के अमरोह गांव का रहने वाला है । उनके पिता श्याम सिंह एक किसान है और कभी-कभी मनदीप को भी पिता की मदद के लिए खेतों में जाना पड़ता है । वही उनकी मां संध्या देवी गृहणी है । मनदीप आगे पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहता है । छात्र ने कहा कि मैं पढ़ाई के अलावा में खेतों में भी काम करता हूं और घर के कामों में भी अपने माता पिता की मदद करता हूं । उन्होंने कहा कि वह सरकारी हाई स्कूल में अपने शिक्षकों के आभारी हैं, जिन्होंने उसे पढ़ने के लिए किताबें दी।
इसके अलावा मनदीप ने बताया उन्हें सबसे अधिक मदद उनके बड़े भाई से मिली, जो जम्मू स्थित शेर -ए- कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पढ़ाई करता था लेकिन कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण घर लौट आया था । किशोर ने कहा कि वह अब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंटरेंस टेस्ट(नीट) पास करना चाहता है ताकि वह मेडिसिन की पढ़ाई कर सकें ।
छात्र ने यह भी कहा कि सरकार ने दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बहुत सारी पहल की है और साथ ही उसने सरकार से अनुरोध भी किया कि वह गरीब छात्रों का समर्थन करते रहें और उनके सपनों को पूरा करने में उनकी मदद करें।
अपने दोस्तों के बारे में बात करते हुए मनदीप ने कहा कि मेरे दोस्तों को लॉकडाउन में पढ़ाई करने में काफी दिक्कत हो रही थी, जिसकी वह हमेशा शिकायत करते थे, जो एक सही बात है । हालांकि मैंने समस्याओं के बारे में सोचने की वजह अध्ययन पर ध्यान केंद्रित किया और वास्तव में कड़ी मेहनत की ।