बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाए गंभीर आरोपों के मामले में बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को 15 दिनों के अंदर प्राथमिक जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं।
कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान कहा कि चूकी अनिल देशमुख राज्य के गृहमंत्री भी हैं इसलिए पुलिस के द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई जांच शुरू करे और अगर कुछ सामने आता है और केस बनता है तो एफआईआर दर्ज किया जाए।
पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग परमबीर सिंह की ओर से पिछले महीने की गई थी। वे ये मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट गए थे। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट जाने को कहा था।
अनिल देशमुख के खिलाफ क्या है 100 करोड़ का विवाद
परमबीर सिंह ने दरअसल पिछले महीने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखकर सनसनी फैला दी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
परमबीर सिंह ने चिट्ठी में कहा था कि मुकेश अंबानी केस में एनआईए द्वारा पकड़े गए सचिन वाझे को देशमुख ने 100 करोड़ रुपये हर महीने कलेक्ट करने का टारगेट दिया था।
परमबीर सिंह की ओर से ये आरोप उन्हें मुंबई के कमिश्नर पद से ट्रांसफर किए जाने के बाद लगाए गए थे। मुकेश अंबानी के घर के पास एक गाड़ी में विस्फोटक सामग्री पाए जाने के मामले को लेकर आलोचना के बाद महाराष्ट्र सरकार ने 17 मार्च को परमबीर सिंह का तबादला कर दिया था।
इसके बाद परमबीर सिंह ने अपनी भूमिका पर उठ रहे सवालों के बीच अनिल देशमुख पर ये गंभीर आरोप लगाया था।