मुंबईः महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के आगामी चुनाव के लिए शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम चरण में है। सामंत ने शनिवार को संवाददाताओं से कहा कि यह तय है कि सत्तारूढ़ दल महायुति गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ेंगे और विश्वास जताया कि बीएमसी में महायुति सत्ता में आएगी। उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे की बातचीत अंतिम चरण में है। कौन कितनी सीटें पाएगा, इस पर चर्चा करने के बजाय हम महायुति के रूप में सभी 227 सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।”
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर कटाक्ष करते हुए सामंत ने कहा कि कुछ पार्टियां अपना अस्तित्व बचाने के लिए गठबंधन कर रही हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और भाजपा गठबंधन की इच्छुक हैं, हालांकि दोनों दलों ने अभी तक सीट बंटवारे का अंतिम फार्मूला और अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं किए हैं।
बीएमसी में कुल 227 वार्ड हैं। इससे पहले शिवसेना के एक नेता ने कहा था कि दोनों दलों के बीच कुछ सीट को लेकर गतिरोध बना हुआ है और मीरा-भायंदर, ठाणे, नवी मुंबई और कल्याण-डोंबिवली निकायों के लिए बातचीत अभी जारी है। महाराष्ट्र में 29 निकायों के चुनाव 15 जनवरी को होंगे, जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है।
पुणे महानगर पालिका चुनाव के लिए राकांपा (एसपी) और राकांपा के बीच गठबंधन वार्ता गतिरोध में फंसी
अगले महीने होने वाले पुणे महानगर पालिका चुनावों के लिए अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा और राकांपा (एसपी) के बीच संभावित गठबंधन को लेकर जारी बातचीत गतिरोध में फंसती दिख रही है, क्योंकि राकांपा शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) के अपने-अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ने के प्रस्ताव से सहमत नहीं है।
मुंबई और पुणे सहित महाराष्ट्र की 29 महानगर पालिकाओं के चुनाव 15 जनवरी को होंगे। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर है। राकांपा (एसपी) के वरिष्ठ नेता अंकुश काकडे ने बताया कि पुणे में उनकी पार्टी के नेतृत्व ने शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार से मुलाकात की, लेकिन पुणे महानगर पालिका चुनाव के लिए संभावित गठबंधन पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई।
काकडे ने कहा, ‘‘हमारे बीच गठबंधन को लेकर बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी। हम राकांपा नेताओं से यह बताने गए थे कि राकांपा (एसपी) अपने चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़ेगी और गठबंधन होने पर वे अपने चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसा लगता है कि वे इस प्रस्ताव के लिए तैयार नहीं हैं।’’
उन्होंने कहा कि राकांपा (एसपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले का भी यही मत है कि चूंकि राकांपा (एसपी) महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के साथ रही है, इसलिए पार्टी अपने गठबंधन सहयोगियों - कांग्रेस और शिवसेना (उबाठा) के साथ रहना पसंद करेगी।