कोलकाता: लोकसभा से 'कैश फॉर क्वेरी' आरोपों में निष्कासित की गईं तृणमूल कांग्रेस की नेता महुआ मोइत्रा ने केंद्र में सत्ता की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी पर भ्रष्टाचार को लेकर बेहद तीखा व्यंग्य किया है।
बंगाल के कृष्णा नगर से लोकसभा की सांसद रहीं महुआ मोइत्रा ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि भाजपा यह चाहती होगी कि मैं भी जल्द से जल्द उसके पास चली जाऊं।"
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार पूर्व लोकसभा सांसद मोइत्रा ने कहा कि भाजपा जिस तेजी से अन्य दलों के नेताओं को अपने यहां बुला रही है, इससे लगता है कि वो जल्द ही मुझे भी अपने पाले में करना चाहेगी।
अपने इय बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए मोइत्रा ने कहा कि ये कितना दिलचस्प है कि भाजपा दूसरे दलों उन्हीं नेताओं को पकड़ रही है, जिनकी वो 'भ्रष्टाचारी' के रूप में निंदा करती थी। महुआ मोइत्रा ने एक्स पर किये पोस्ट में लिखा, "मेरा मतलब है कि इस तरह वे वे जल्द ही मुझे भी चाहेंगे। मुझे लगा कि रामलला ने 2024 में 400 सीटें तय कर दी हैं लेकिन उसके बाद भी बीजेपी उन्हीं नेताओं को क्यों पकड़ने के लिए बेताब है, जिन्हें वो हमेशा 'भ्रष्ट' कहकर निंदा करती थीं?"
तृणमूल नेता महुआ मोइत्रा की यह टिप्पणी तब आई जब महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी रहे अशोक चव्हाण ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मंगलवार को भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। अशोक चव्हाण के भाजपा में जाने के बाद से ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि भाजपा उन्हें राज्यसभा के जरिये संसद में भेज सकती है। इसके साथ भाजपा को उम्मीद है कि अशोक चव्हाण के भाजपा में आने से बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी का गठबंधन मजबूत होगा।
वहीं दूसरी ओर अशोक चव्हाण के जाने से कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी गठबंधन में चिंता है क्योंकि विपक्षी गठबंधन को डर है कि कई विधायक चव्हाण के नक्शेकदम पर चलते हुए पार्टी छोड़कर भाजपा के खेमे में जा सकते हैं। चव्हाण से पहले कांग्रेसके ही मिलिंद देवड़ा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और बाबा सिद्दीकी अजित पवार की एनसीपी में शामिल हो चुके हैं।
हालांकि महुआ मोइत्रा ने किसी नेता या घोटाले का जिक्र नहीं किया, लेकिन अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने के बाद आदर्श घोटाला फिर चर्चा में है। विपक्ष अशोक चव्हाण के खिलाफ चल रहे आदर्श घोटाले की जांच को भाजपा में शामिल होने का प्रमुख कारण बता रहा है। वहीं कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि अशोक चव्हाण को महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की कार्यशैली से समस्या थी। नाना पटोले ने कहा कि केंद्र ने अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र पर चर्चा के दौरान 'आदर्श घोटाले' का जिक्र किया और हर कोई जानता है कि इससे कौन जुड़ा था।
वहीं भाजपा में शामिल होने के बाद अशोक चव्हाण ने आदर्श घोटाले के आरोपों के संबंध में कहा, "बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले ने मेरे पक्ष में फैसला किया। मैं इसे एक राजनीतिक दुर्घटना के रूप में देखता हूं। हालांकि कुछ एजेंसियों ने अदालत के फैसले का विरोध किया है, लेकिन मैंने काफी सहन किया है और अब इसे एक गैर-मुद्दा मानता हूं।"