आतंकियों के साथ DSP: अधीर रंजन चौधरी के ट्वीट से मचा बवाल, बीजेपी ने कहा- आव देखा न ताव और मिनटों के अंदर धर्म ढूंढ लिया
By रामदीप मिश्रा | Published: January 14, 2020 02:01 PM2020-01-14T14:01:49+5:302020-01-14T14:01:49+5:30
अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा, 'अगर इत्तेफाक से दविंदर सिंह का नाम दविंदर खान होता तो आरएसएस की ट्रोल रेजीमेंट की प्रतिक्रिया ज्यादा तीखी और मुखर होती। वर्ण, मत और संप्रदाय से इतर देश के दुश्मनों की निंदा होनी चाहिए।'
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कश्मीर घाटी में पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह की दो आतंकवादियों के साथ गिरफ्तारी को लेकर मंगलवार को कहा कि पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच की जरूरत है। उनके इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तुरंत प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को आड़े हाथ लिया।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, 'पाकिस्तान की पीठ को रोज सहलाते हैं, हिंदुस्तान की पीठ पर खंजर भोंकते हैं, फिर कहते हैं, हमें देशद्रोही न कहो, तुम पर छोड़ते हैं हम, बताओ इनको क्या कहें?'
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, 'जम्मू-कश्मीर का एक डीएसपी आतंकी गतिविधि में शामिल होने के कारण गिरफ्तार हुआ है। इस पूरे प्रकरण के बाद कांग्रेस ने वहीं किया है, जिसमें कांग्रेस निपुण है, सक्षम है, और वह है भारत पर हमला और पाकिस्तान को बचाने की साजिश।'
संबित पात्रा ने कहा, 'इस पूरी प्रक्रिया में कांग्रेस के अधीर रंजन ने आव देखा न ताव और मिनटों के अंदर धर्म ढूंढ लिया। आतंकवाद पर धर्म की राजनीति करना कांग्रेस की संस्कृति है। कांग्रेस ने मोदी जी पर हमला करते हुए उन्हें हिन्दू जिन्ना कहा था। हिंदू जिन्ना, हिंदू आतंकवाद जैसे शब्दों का प्रयोग करना कहीं न कहीं हिंदुओं को आतंकी सिद्ध करना है। राहुल गांधी ने भी कहा था कि हमें सिमी या इस्लामिक आतंकवाद से डर नहीं है, हमें हिंदुओं से डर है।'
बता दें, अधीर रंजन चौधरी ने ट्वीट कर कहा, 'अगर इत्तेफाक से दविंदर सिंह का नाम दविंदर खान होता तो आरएसएस की ट्रोल रेजीमेंट की प्रतिक्रिया ज्यादा तीखी और मुखर होती। वर्ण, मत और संप्रदाय से इतर देश के दुश्मनों की निंदा होनी चाहिए।' उन्होंने दावा किया, 'घाटी में इस कमजोरी का खुलासा हुआ है वो हमें परेशान करने वाली है। अब सवाल यह पैदा होता है कि पुलवामा हमले के पीछे के असली गुनाहगार कौन हैं? इस मामले पर नए सिरे से जांच की जरूरत है।'