हरियाणा में क्लीन स्वीप से उत्साहित है भाजपा, समय से पहले विधानसभा चुनावों की सुगबुगाहट
By बलवंत तक्षक | Published: May 25, 2019 07:59 AM2019-05-25T07:59:28+5:302019-05-25T07:59:28+5:30
भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में राज्य की 90 सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज कर अपने बलबूते पर पहली बार सरकार बनाई थी.
हरियाणा में समय से पहले विधानसभा चुनाव कराये जाने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. खट्टर सरकार लोकसभा चुनावों में हरियाणा की सभी दस सीटों पर भाजपा को मिली जीत का फायदा उठाना चाहेगी. अगर जल्दी चुनाव होते हैं तो राज्य में भाजपा को फिर से सत्ता में आने से रोक पाना कांग्रेस के लिए मुश्किल होगा. कांग्रेस पार्टी इस समय गुटों में बिखरी हुई है, जबकि भाजपा कार्यकर्ता पार्टी की बंपर जीत से उत्साहित हैं. ऐसे में राज्य सिविल सचिवालय में जल्दी ही विधानसभा चुनाव करवाए जाने की चर्चाएं चल निकली हैं.
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अभी उनके पास पांच महीने का समय है. इस दौरान वे अपनी अधूरी रह गई योजनाओं को सिरे चढ़ाने की कोशिश करेंगे और आगे का रोडमैप भी तैयार किया जाएगा. अगर भाजपा आलाकमान समय से पहले विधानसभा चुनाव कराने का फैसला लेता है तो वे इसके लिए तैयार हैं. खट्टर ने कहा कि अकेले हरियाणा के लिए चुनाव नहीं होंगे. महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर के लिए भी विधानसभा चुनाव साथ ही करवाए जाएंगे.
हरियाणा में अक्तूबर में चुनाव होने हैं. लेकिन भाजपा के बहुत से नेताओं का मानना है कि अगर राज्य के माहौल को देखते हुए जल्दी चुनाव करवा लिए जाएं तो पार्टी फिर से भारी बहुमत के साथ सत्ता में लौट आएगी. हरियाणा कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं के लोकसभा चुनावों में शिकस्त खा जाने से कार्यकर्ताओं में मायूसी है. ऐसे में कांग्रेस के लिए एकदम से उठ खड़ा होना संभव नहीं होगा. अगले पांच महीनों में राज्य का राजनीतिक परिदृश्य क्या होगा, इसके बारे में अभी कुछ कहना मुश्किल होगा.
भाजपा का मुकाबला अकेले कांग्रेस से
भाजपा ने वर्ष 2014 के विधानसभा चुनावों में राज्य की 90 सीटों में से 47 सीटों पर जीत दर्ज कर अपने बलबूते पर पहली बार सरकार बनाई थी. इससे पहले भाजपा दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों की बैसाखियों के सहारे चुनाव लड़ती रही है और सत्ता में भागीदारी भी निभाती रही है. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के टूट जाने से अब भाजपा को सीधे अकेले कांग्रेस से ही लड़ाई लड़नी पड़ेगी.