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भाजपा ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने, विपक्ष से मुकाबले के लिए पूरी तैयारी से आने को कहा

By भाषा | Updated: November 28, 2021 20:50 IST

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नयी दिल्ली, 28 नवंबर संसद के शीतकालीन सत्र के लिए रणनीति तैयार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को अपने संसदीय दल की बैठक में पार्टी के सांसदों की अधिक से अधिक संख्या में उपस्थिति पर जोर दिया और उन्हें विपक्ष का मुकाबला करने के लिए पूरी तैयारी के साथ आने को कहा है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

सोमवार से शुरू हो रहे सत्र से एक दिन पहले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बैठक के दौरान भी सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों ने बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर जोर दिया। इस दौरान, राजग के कुछ सहयोगी दलों ने कृषि कानूनों को वापस लेने के सरकार के फैसले का स्वागत किया।

आमतौर पर इन बैठकों में उपस्थित रहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए।

भाजपा संसदीय दल की बैठक की अगुवाई पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने की और इस दौरान केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी के अलावा केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, भूपेंद्र यादव और मुख्तार अब्बास नकवी भी मौजूद रहे।

वहीं, राजग की बैठक में विभिन्न गठबंधन सहयोगियों ने हिस्सा लिया, जिनमें जदयू के राजीव रंजन सिंह, अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की नेता अगाथा संगमा, अन्नाद्रमुक के ए. नवनीत कृष्णन और आरएलजेपी के पशुपति पारस मौजूद रहे।

सूत्रों ने बताया कि दोनों बैठकों के दौरान जोशी ने सरकार के सभी विधायी कार्यों और विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले संभावित मुद्दों से अवगत कराया।

सूत्रों ने बताया कि जोशी ने बैठक के दौरान कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सत्तारूढ़ भाजपा के सदस्य विभिन्न मुद्दों पर बहस और चर्चा के लिए पूरी तैयारी से आएं।

अपना दल (एस) नेता आशीष पटेल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि पार्टी की नेता और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने उत्तर प्रदेश में 69,000 शिक्षकों की खाली सीटों का मुद्दा उठाया और राज्य सरकार से पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों की भर्ती के लिए ओबीसी आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया।

पटेल ने कहा कि अपना दल ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार का आभार जताया।

एनपीपी नेता अगाथा संगमा ने सरकार से पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की तर्ज पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को निरस्त करने का आग्रह किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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