गुवाहाटी, 20 दिसंबर असम सरकार ने ‘असम पशु संरक्षण अधिनियम, 2021’ में संशोधन करने के लिए सोमवार को विधानसभा में विधेयक पेश किया। इस संशोधन के जरिये जांच प्रक्रिया को और कड़ा बनाने तथा पशुपालन और कृषि उपयोग के लिए पशुओं के इस्तेमाल को सुलभ करने का प्रावधान किया गया है।
विधानसभा में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा की ओर से ‘असम पशु संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। राज्य में पशुओं का वध करने, मांस के सेवन और परिवहन के नियमन के लिए अगस्त में विधानसभा से मूल कानून पारित किया गया था।
संशोधन के कारण और उद्देश्य के तौर पर बताया गया है कि “पशुपालन और कृषि के लिए पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के वास्ते कुछ मौजूदा पाबंदियों को हटाने के मकसद से” कानून में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है। इस संशोधन के जरिये कानून के दंड संबंधी प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन कराने के लिए नए प्रावधान प्रस्तावित किए गए हैं।
प्रस्तावित संशोधन विधेयक में राज्य के भीतर एक जिले से दूसरे जिले तक पशुओं के परिवहन की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही संशोधन विधेयक में कहा गया है कि राज्य के भीतर किसी जिले से अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले जिले में पशुओं का परिवहन प्रतिबंधित होगा।
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