मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करे और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपे, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिया आदेश

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 14, 2025 17:01 IST2025-08-14T17:00:45+5:302025-08-14T17:01:46+5:30

Bihar voter verification: न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आयोग से पूछा, ‘‘आप उन लोगों के नाम क्यों नहीं बता सकते, जिनकी मौत हो गई हैं, जो पलायन कर गए हैं या दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए हैं।’’

Bihar voter verification Supreme Court ordered Election Commission disclose identity 65 lakh voters removed voter list August 19 submit compliance report August 22 | मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करे और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपे, सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को दिया आदेश

सांकेतिक फोटो

Highlights विद्वेष के माहौल में काम करते हुए, शायद ही कोई ऐसा फैसला हो जिस पर विवाद न हुआ हो।एसआईआर के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।वेबसाइट पर प्रदर्शित करने से अनजाने में हुई त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा।

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने बिहार के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले में निर्वाचन आयोग से बृहस्पतिवार को कहा कि वह मसौदा मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की पहचान 19 अगस्त तक उजागर करे और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट सौंपे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने आयोग से पूछा, ‘‘आप उन लोगों के नाम क्यों नहीं बता सकते, जिनकी मौत हो गई हैं, जो पलायन कर गए हैं या दूसरे निर्वाचन क्षेत्रों में चले गए हैं।’’

न्यायालय ने आयोग से कहा कि वह इन नामों को सूचना पट्ट (डिस्प्ले बोर्ड) या वेबसाइट पर डाले, ताकि जिन्हें दिक्कत है वे लोग 30 दिन के भीतर सुधारात्मक उपाय कर सकते हैं। निर्वाचन आयोग ने एसआईआर मामले की सुनवाई कर रही पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए कहा कि तीव्र राजनीतिक विद्वेष के माहौल में काम करते हुए, शायद ही कोई ऐसा फैसला हो जिस पर विवाद न हुआ हो।

आयोग ने न्यायालय से कहा कि वह राजनीतिक दलों के बीच संघर्ष में फंसा हुआ है, क्योंकि यदि पार्टी जीतती है तो उसके लिए ईवीएम अच्छी है, अगर वे हारते हैं तो ईवीएम खराब हो जाती है। आयोग ने कहा कि बिहार में एक मोटे अनुमान के मुताबिक लगभग 6.5 करोड़ लोगों को एसआईआर के लिए कोई दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।

इसने दलील दी कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गये लोगों के नामों की सूची दी गई है। इस पर न्यायालय ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि नागरिकों के अधिकार राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं पर निर्भर रहें।’’ इसने कहा कि मृत, पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर चले गये मतदाताओं के नामों को सूचना पट्ट (डिस्प्ले बोर्ड) या वेबसाइट पर प्रदर्शित करने से अनजाने में हुई त्रुटियों को सुधारने का मौका मिलेगा।

निर्वाचन आयोग ने मृत, जिला स्तर पर पलायन कर चुके या दूसरे स्थानों पर जा चुके मतदाताओं की सूची साझा करने पर न्यायालय में सहमति जताई। उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचन आयोग से 22 अगस्त तक उसके निर्देश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा और बिहार एसआईआर के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई स्थगित की। 

Web Title: Bihar voter verification Supreme Court ordered Election Commission disclose identity 65 lakh voters removed voter list August 19 submit compliance report August 22

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