Bihar voter revision: 6564075 मतदाता बाहर?, नए लिस्ट में 7,24,05,756 वोटर, देखिए सभी 38 जिलों की सूची
By एस पी सिन्हा | Updated: August 2, 2025 20:03 IST2025-08-02T20:02:26+5:302025-08-02T20:03:20+5:30
Bihar voter revision: सभी 38 जिलों के लिए मतदाता सूची के प्रारूप में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम पटना जिले में कटे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है।

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पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को लेकर सियासी दलों में मची हलचल के बीच चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मतदाता सूची का प्रारूप जारी कर दिया था। इसके बाद विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने शनिवार को बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से महागठबंधन के नेताओं ने मुलाकात की और कई गंभीर सवाल पूछे और आपत्तियां दर्ज कराईं। इस दौरान महागठबंधन के नेताओं ने पूछा कि ऐसे किन तथ्यों के आधार पर लाखों लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं, जिनके बारे में यह कहा गया कि वे मृत हैं या अन्यत्र स्थानांतरित हो चुके हैं।
नेताओं ने आरोप लगाया कि केवल "बगल के लोगों" से पूछकर नाम हटाना बेहद गैर-जिम्मेदाराना है। हालांकि आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया "कई तरीकों" और "दस्तावेज़ी प्रमाणों" पर आधारित है, लेकिन ठोस उत्तर नहीं दे सका, जिससे असंतोष गहरा गया। इस बीच राजद ने चुनाव आयोग से 10 बिंदुओं पर जवाब मांगा है, जिनमें कुछ प्रमुख प्रश्नों में मतदाता सूची से हटाए गए ट्रेसलेस (गैर-स्थानीय) लोगों का आधार क्या है?, मृत मतदाताओं के नाम किस आधार पर हटाए गए? मतदाता सूची की प्रक्रिया में कितने लोगों तक यह सूची पहुंचाई गई?
विधानसभा वार कितने नाम हटाए गए? समेत अन्य सवाल शामिल हैं। उधर, मतदाता सूची का प्रारूप जारी होने के बाद कई गड़बड़ियां सामने आ रही है। आम तो आम अब खास लोगों के भी नाम मतदाता सूची से कट गए हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि बीएलओ को सारी जरूरी दस्तावेज देने के बाद भी प्रारूप सूची में उनका नाम नहीं है।
राज्य के सेवानिवृत वरिष्ठ आईएएस अधिकारी व्यास जी को मतदाता सूची से अपना और अपनी पत्नी का नाम गायब पाए जाने पर सार्वजनिक मंच से नाराजगी जाहिर करनी पड़ी है। व्यास जी ने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए बताया कि उन्होंने और उनकी पत्नी ने संबंधित बीएलओ को सभी जरूरी दस्तावेज समय से उपलब्ध करा दिए थे।
इसके बावजूद इस बार की प्रारूप मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं है। बता दें कि चुनाव आयोग के द्वारा जारी राज्य के सभी 38 जिलों के लिए मतदाता सूची के प्रारूप में सबसे ज्यादा मतदाताओं के नाम पटना जिले में कटे हैं, जबकि दूसरे नंबर पर मधुबनी और तीसरे नंबर पर पूर्वी चंपारण है।
बिहार के कुल 7,89,69,844 मतदाताओं में से 65,64,075 मतदाताओं के नाम हटा दिए हैं। मतदाता प्रारूप सूची में 7,24,05,756 मतदाताओं के नाम शामिल हैं। उनमें 22 लाख मृत मतदाता, 36 लाख वैसे मतदाता जो स्थाई तौर पर दूसरी जगह स्थानांतरित हो चुके है या जो अपने पते पर नहीं मिले, 7 लाख वैसे मतदाता है जिनका नाम दो या दो से अधिक जगहों पर मौजूद है।
पटना जिले में कुल 50,47,194 मतदाता थे। एसआईआर के बाद मतदाता सूची प्रारूप में 46,51,694 मतदाताओं के नाम हैं, जबकि 3,95,500 मतदाताओं के नाम काट दिए गए। मधुबनी में कुल मतदाता 33,76,790 थे, जिनमें से 3,52,545 नाम हटाए दिए हैं। 30,24,245 मतदाता शेष बचे हैं।
पूर्वी चंपारण में 36,89,848 मतदाताओं में से 3,16,793 मतदाताओं के नाम काट दिए गए हैं और अब 33,73,055 मतदाता शेष बचे हैं। गोपालगंज जिले से 3.10 लाख मतदाताओं के नाम कटे हैं। सीमांचल के चार जिलों की बात करें तो अररिया में 1.58 लाख, किशनगंज में 1.23 लाख, पूर्णिया में 2.73 लाख और कटिहार में 1.84 लाख मतदाताओं के नाम कटे हैं।
चुनाव आयोग ने प्रारूप सूची की कॉपी सभी राजनीतिक दलों को साझा कर दी है ताकि कोई भी एक अगस्त से एक सितंबर तक की एक महीने की अवधि में दावे और आपत्ति दर्ज करके वैध मतदाता का नाम जोड़ सके और किसी अवैध का हटा सके। खुद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने प्रारूप मतदाता सूची को हासिल करने की पुष्टि की है।
आयोग के द्वारा जारी सूची के अनुसार पूर्वी चंपारण जिले में कुल 36,89,848 मतदाता हैं, जबकि 3,16,793 के नाम कट गए, शिवहर में कुल 32,40,95 मतदाता, नाम कटे- 28,166, सीतामढ़ी जिले में 26,27,133 मतदाता, नाम कटे- 24,962, मधुबनी जिले में 33,76,790 मतदाता, नाम कटे- 3,52,545 हैं।
सुपौल जिले में 16,40,664 मतदाता, नाम कटे- 1,28,207, अररिया जिले में 20,82,486 मतदाता, नाम कटे- 1,58,072, किशनगंज जिले में 12,31,910 मतदाता, नाम कटे- 1,45,668, पूर्णिया जिले में 22,68,431 मतदाता, नाम कटे- 2,73,920, कटिहार जिले में 22,29,063 मतदाता, नाम कटे- 1,84,254 हैं।
मधेपुरा जिले में 14,32,119 मतदाता, नाम कटे- 98,076, सहरसा जिले में 13,91,674 मतदाता, नाम कटे- 1,31,596, दरभंगा जिले में 30,03,150 मतदाता, नाम कटे- 20,3298, मुजफ्फरपुर जिले में 34,86,215 मतदाता, नाम कटे- 2,82,845, गोपालगंज जिले में 20,58,845 मतदाता, नाम कटे- 3,10,363 हैं।
सीवान जिले में 26,09,314 मतदाता, नाम कटे- 2,21,711, सारण जिले में 31,34,108 मतदाता, नाम कटे- 2,73,223, वैशाली जिले में 26,74,245 मतदाता, नाम कटे- 2,25,953, समस्तीपुर जिले में 31,45,370 मतदाता, नाम कटे- 2,83,955, बेगूसराय जिले में 22,45,144 मतदाता, नाम कटे- 1,67,756, खगड़िया जिले में 12,16,202 मतदाता, नाम कटे- 79,551 हैं।
भागलपुर जिले में 24,00,414 मतदाता, नाम कटे- 2,44,612, बांका जिले में 15,47,863 मतदाता, नाम कटे- 1,17,346, मुंगेर जिले में 10,50,149 मतदाता, नाम कटे- 74,916, लखीसराय जिले में 7,82,424 मतदाता, नाम कटे- 48,824, शेखपुरा जिले में 5,11,468 मतदाता, नाम कटे- 26,256, नालंदा जिले में 23,16,081 मतदाता, नाम कटे- 1,38,505 हैं।
पटना जिले में 50,47,194 मतदाता, नाम कटे- 3,95,500, भोजपुर जिले में 22,21,986 मतदाता, नाम कटे- 1,90,832, बक्सर जिले में 13,51,861 मतदाता, नाम कटे- 87,645, कैमूर (भभुआ) जिले में 12,16,242 मतदाता, नाम कटे- 73,940, रोहतास जिले में 22,96,423 मतदाता, नाम कटे- 1,56,148, औरंगाबाद जिले में 5,41,748 मतदाता, नाम कटे- 30,180 हैं।
जहानाबाद जिले में 8,34,402 मतदाता, नाम कटे- 53,089, औरंगाबाद जिले में 19,27,443 मतदाता, नाम कटे- 1,59,980, गयाजी जिले में 31,47,156 मतदाता, नाम कटे- 2,45,663, नवादा जिले में 18,12,248 मतदाता, नाम कटे- 1,26,450 और जमुई जिमे में 13,40,090 मतदाता हैं, जबकि 91,882 के नाम कटे हैं।