बिहार वोटर लिस्टः 2-2 मतदाता पहचान पत्र, दीघा थाना में तेजस्वी यादव के खिलाफ शिकायत, दोषी पाए जाने पर सजा?
By एस पी सिन्हा | Updated: August 4, 2025 17:49 IST2025-08-04T17:48:32+5:302025-08-04T17:49:43+5:30
Bihar Voter List: कानून के जानकारों के अनुसार दो दो वोटर कार्ड रखने पर बीएनएस की धारा 182 और रिप्रजेंटेशन आफ पिपुल एक्ट की धाराएं 17 और 31 के तहत सजा हो सकती है।

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पटनाः बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के खिलाफ दो-दो मतदाता पहचान पत्र रखने पर कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ने लगी है। इस मामले में चुनाव आयोग के नोटिस के बाद दीघा थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। अधिवक्ता राजीव रंजन ने आवेदन में आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव द्वारा दो मतदाता पहचान पत्र बनवाए गए हैं। दोनों मतदान पहचान पत्र एक ही विधानसभा क्षेत्र के हैं। उल्लेखनीय है कि इस मामले में चुनाव आयोग ने भी तेजस्वी यादव से स्पष्टीकरण मांगा है। आवेदन मिलने के बाद पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
कानून के जानकारों के अनुसार दो दो वोटर कार्ड रखने पर बीएनएस की धारा 182 और रिप्रजेंटेशन आफ पिपुल एक्ट की धाराएं 17 और 31 के तहत सजा हो सकती है। इसमें दोषी पाए जाने पर 5 साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों हो सकता है। दरअसल, तेजस्वी यादव ने दावा किया था कि बिहार की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है।
तेजस्वी के अनुसार उन्होंने जो इफीक नंबर आरएबी2916120) शेयर किया, वो रिकॉर्डस में नहीं है। इसको संज्ञान में लेते हुए चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को नोटिस जारी करते हुए ईपिक नंबर आरएबी2916120 का विवरण मांगा है ताकि इसकी जांच की जा सके।
चुनाव आयोग ने रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव से उस मतदाता पहचान पत्र को जांच के लिए सौंपने को कहा है, जिसके बारे में उन्होंने दावा किया था कि वह उनके पास है, जबकि वह आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया था। तेजस्वी यादव ने शनिवार को मतदाता पहचान पत्र संख्या जारी किया था।
जिसमें दावा किया गया था कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत प्रकाशित ड्राफ्ट में मतदाता सूची में उनका नाम गायब है। उन्होंने यह भी कहा था कि मेरे द्वारा सार्वजनिक करने के बाद उनके मतदाता पहचान पत्र संख्या को बदला गया। इसके बार तेजस्वी यादव को संबोधित एक पत्र में पटना सदर के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट-सह-दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी ने कहा कि हमारी प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि 2 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपने जिस मतदाता पहचान पत्र संख्या का उल्लेख किया था, वह आधिकारिक तौर पर जारी नहीं की गई थी।
इसलिए आपसे अनुरोध है कि विस्तृत जांच के लिए मूल मतदाता पहचान पत्र सौंप दें। इसके बाद राजद नेता ने आरोप लगाया कि उनका मतदाता पहचान पत्र संख्या बदली गई है, लेकिन जिलाधिकारी त्यागराज एस एम ने इस दावे का खंडन किया। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में जो ईपीआईसी नंबर है, वही माननीय विपक्ष के नेता ने 2020 के विधानसभा चुनावों में अपने हलफनामे में जमा किया था। अगर उनके पास किसी और नंबर वाला कोई और ईपीआईसी कार्ड है, तो यह जांच का विषय है।