पटना:बिहार में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की 10 लाख महिलाओं के बैंक खाते में शुक्रवार को 10-10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। इसमें ग्रामीण क्षेत्र की साढ़े 9 लाख और शहरी इलाकों की 50 हजार महिलाएं शामिल हैं। ये सभी महिलाएं जीविका समूह से जुड़ी हैं। नीतीश सरकार की इस योजना के तहत अब तक 1.40 करोड़ महिलाओं के खाते में 10,000 रुपये की राशि भेजी जा चुकी है। अब 10 लाख और महिलाओं के खाते में पैसे भेजे जाने के बाद यह संख्या 1.50 करोड़ हो चुकी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान कहा कि साल 2013 में पुलिस में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत, 2016 में सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया गया। पहले राज्य में स्वयंसेवी सहायता समूह की हालत बड़ी खस्ताहाल थी, लेकिन विश्व बैंक से कर्ज लेकर उनके उत्थान के लिए काम किया गया।
उन्होंने कहा कि अब लगातार स्वयंसेवी संस्थाओं से महिलाएं जुड़ रही हैं और इनसे 4 लाख 34 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं को किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए काम किया जा रहा है। महिलाओं को अब इस 10,000 रुपये से अपना काम शुरू करने से काफी मदद मिलेगी। इससे आपका परिवार खुशहाल रहेगा और आपका परिवार आगे बढ़ेगा। समूचा बिहार आगे बढ़ रहा है और लगातार आगे बढ़ेगा।
केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार सरकार महिला को रोजगार करने के लिए 10 हजार रुपये दिए देती है। फिर 6 महीने बाद सरकार एक सर्वे करवाती है। इस सर्वे में अगर महिला इन दस हजार रुपये रोजगार किया और चला रही है। इसके बाद उसे आगे की किस्त दी जाएगी। लाभार्थी महिला को व्यापार बढ़ाने के लिए 1 लाख 90 हजार की और सहायता दी जाएगी। शेष पात्र महिलाओं के खातों में भी जल्द ही भुगतान किया जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने और उन्हें छोटे-छोटे रोजगार शुरू करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। मिलने वाली 10 हजार रुपए की राशि महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रोत्साहित करती है।