Bihar: सीएम नीतीश कुमार के राजद से हाथ मिलाने के सवाल पर लालू परिवार में ही मचा घमासान, मीसा का ’हां’ तो तेजस्वी और तेजप्रताप का ’ना’
By एस पी सिन्हा | Updated: January 14, 2025 18:02 IST2025-01-14T18:02:16+5:302025-01-14T18:02:16+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक ओर जहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सॉफ्ट रुख अपना रहे हैं, तो वहीं दूसरी तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव का रुख सीधे उल्टा है। जबकि लालू की बेटी मीसा भारती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उन्हें अपना अभिभावक करार दे रही है।

Bihar: सीएम नीतीश कुमार के राजद से हाथ मिलाने के सवाल पर लालू परिवार में ही मचा घमासान, मीसा का ’हां’ तो तेजस्वी और तेजप्रताप का ’ना’
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा फिर से राजद से हाथ मिलाने को लेकर जारी सियासी अटकलबाजियों के बीच लालू परिवार में ही घमासान की स्थिति उत्पन्न हो गई है। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर एक ओर जहां राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सॉफ्ट रुख अपना रहे हैं, तो वहीं दूसरी तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव का रुख सीधे उल्टा है। जबकि लालू की बेटी मीसा भारती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने परिवार का सदस्य मानते हुए उन्हें अपना अभिभावक करार दे रही है।
बता दें कि पिछले दिनों लालू यादव ने नीतीश कुमार को लेकर कहा था कि उनके दरवाजे नीतीश कुमार के लिए खुले हैं। नीतीश की सारी पुरानी गलती को वे माफ़ कर देंगे। इसके बाद यह चर्चा जोर पकड़ने लगी थी कि नीतीश कुमार और लालू यादव में सियासी खिचड़ी पक रही है। यहां तक कि खरमास के बाद यानी 15 जनवरी के बाद नीतीश के एनडीए से नाता तोड़ने को लेकर अटकलबाजियां भी शुरू हो गई थीं। हालांकि तेजस्वी यादव ने चाचा नीतीश कुमार के साथ जाने से सिरे से इनकार कर दिया।
उन्होंने कहा कि नीतीश के साथ जाने के मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना है। इस बीच मंगलवार को तेज प्रताप यादव ने भी कहा कि हमें उनको निमंत्रन देने का कोई मन नहीं है और हम उनको 10 नंबर यानी राबड़ी आवास में प्रवेश करने भी नहीं देंगे। इसबीच, मीसा भारती ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि राजनीति में कुछ असंभव नहीं होता है। आप लोग थोड़ा धैर्य रखिए। उन्होंने कहा कि अच्छे कार्य की शुरुआत खरमास के बाद शुरुआत की जाती है। नीतीश कुमार और लालू यादव में भाइयों का रिश्ता है तो बुलाने की क्या आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि कोई भी शुभ कार्य होता है तो उसमें परिवार के सदस्यों को बुलाया नहीं जाता है। मिसा भारती ने कहा कि हिंदू धर्म में मान्यता रहती है कि आज के बाद सब कुछ शुभ कार्य किए जाते हैं। किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत खरमास के बाद की जाती है। सभी राजनीतिक दल अपने तरीके से तैयारी करते हैं और आज के बाद इसमें तेजी आएगी।
उन्होंने कहा कि मीडिया में अभी जिस तरह से काफी कुछ चल रहा था, उसमें कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। थोड़ा धैर्य रखें राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि राबड़ी आवास का दरवाजा हर किसी के लिए खुला रहता है। नीतीश कुमार के लिए भी खुला है। वह परिवार के सदस्य हैं। हमारे अभिभावक के तौर पर आना चाहते हैं तो कभी भी आ सकते हैं। परिवार के सदस्य के नाते आते हैं तो दरवाजा हमेशा खुला हुआ है।
राजनीतिक तरीके से आएंगे तो हमारे जो राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, वह तय करेंगे कि क्या फैसला लेना है। नीतीश जी को बुलाने की क्या आवश्यकता है? खुद भी आ सकते हैं। त्योहारों में परिवार के सदस्य को बुलाया नहीं जाता है। ऐसे में नीतीश कुमार को लेकर लालू परिवार में ही आपसी सहमति बनती नहीं दिख रही है।