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बिहारः एक साल से भंग राज्य महिला आयोग, पुनर्गठन में नीतीश सरकार नहीं दिखा रही दिलचस्पी, शिकायतों का लगा अंबार

By एस पी सिन्हा | Updated: December 3, 2021 15:45 IST

महिला आयोग पिछले एक साल से भंग है। बिहार में सरकार के गठन के बाद नियमानुसार महिला आयोग का पुनर्गठन हो जाना चाहिए था। लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा के अलावे सभी सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद अभी तक सरकार ने किसी को भी अध्यक्ष व सदस्य मनोनित नही किया है।

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ठळक मुद्देबिहार राज्य महिला आयोग पिछले एक साल से भंग है आयोग में प्रताड़ना की शिकार महिलाओं की शिकायतों का अंबार लग चुका है

पटना। महिलाओं की हक की बात करनेवाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले एक साल से भंग बिहार राज्य महिला आयोग के पुनर्गठन में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। आलम ये हो चुका है कि सैकड़ों प्रताड़ित महिलाएं अपनी फरियाद लेकर आयोग का दरवाजा खटखटाती हैं, लेकिन वहां निराशा ही हाथ लगती है। 

हाल यह है कि बिहार राज्य महिला आयोग में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में प्रताड़ना की शिकार हुईं महिलायें अपनी फरियाद लेकर आती हैं। लेकिन यहां इनकी समस्याओं को सुनने और उसका समाधान निकालने वाला कोई नहीं है। बताया जाता है कि आयोग में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में शिकायत पत्र महिलाओं के द्वारा भेजा जाता है। लेकिन इसका निष्पादन करने वाला भी कोई नहीं है? 

महिला आयोग पिछले एक साल से भंग है। बिहार में सरकार के गठन के बाद नियमानुसार महिला आयोग का पुनर्गठन हो जाना चाहिए था। लेकिन तत्कालीन अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा के अलावे सभी सात सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद अभी तक सरकार ने किसी को भी अध्यक्ष व सदस्य मनोनित नही किया है। इसके चलते आयोग का कार्यकाल भगवान भरोसे चल रहा है। 

आधी आबादी अर्थात महिलाओं की समस्याओं का हल निकालने वाला कोई नहीं है। जिसके चलते प्रताड़ना की शिकार महिलायें दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो रही हैं। बिहार की सुशासन सरकार को शराबबंदी कानून का पालन कराने के अलावे महिलाओं की समस्याओं के प्रति कोई दिलचस्पी दिखाई नही दे रही है। यही वजह है कि महिलायें अपनी पीड़ा सहने के सिवाए कुछ कर नहीं पा रही हैं। आयोग में शिकायतों का अंबार लग चुका है। लेकिन अध्यक्ष के अलावे किसी कर्मचारी को कानूनी नोटिस भी जारी करने का अधिकार नहीं है। लिहाजा बिहार की आधी आबादी अपनी पीड़ा किसी के सामने बयां भी नही कर पा रही हैं।

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