Bihar SIR Controversy: ‘वोट की चोरी बंद करो’?, INDI Alliance का शक्ति प्रदर्शन और मार्च, देखिए वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 11, 2025 12:25 IST2025-08-11T12:24:16+5:302025-08-11T12:25:26+5:30
Bihar SIR Controversy: बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे INDIA ब्लॉक के नेताओं को रोका है।

photo-ani
नई दिल्लीः विपक्षी 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के नेताओं ने चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकाला। दिल्ली पुलिस ने चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे INDIA ब्लॉक के नेताओं को रोका है।
#WATCH | Congress MP Priyanka Gandhi Vadra raises slogans as the INDIA bloc leaders march from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in poll-bound Bihar and allegations of "voter fraud" during… pic.twitter.com/X9xgcPRVCV
— ANI (@ANI) August 11, 2025
#WATCH | Delhi: Senior INDIA bloc leaders- Congress President Mallikarjun Kharge, NCP SCP chief Sharad Pawar join INDIA bloc leaders as they march from the Parliament to the Election Commission of India to protest against the Special Intensive Revision (SIR) of electoral rolls in… pic.twitter.com/d0ExdSGTHH— ANI (@ANI) August 11, 2025
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पुलिस बैरिकेड के ऊपर से कूद गए क्योंकि दिल्ली पुलिस ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान "मतदाता धोखाधड़ी" के आरोपों के विरोध में संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च कर रहे INDIA ब्लॉक नेताओं को रोक दिया।
#WATCH | Delhi: "... They are using the police to stop us...," says Samajwadi Party Chief and MP Akhilesh Yadav as he sits down to protest as police stop the opposition MPs from marching towards the Election Commission of India. pic.twitter.com/u3ScvbxWiX
— ANI (@ANI) August 11, 2025
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "मैंने कल चुनाव आयोग को स्पष्ट तरीके से खत में लिखा था कि सभी विपक्ष के सांसद ससंद से निर्वाचन सदन तक शांतिपूर्वक मार्च कर रहे हैं और सामूहिक तरीके से सभी सांसद चुनाव आयोग को SIR को लेकर एक दस्तावेज पेश करना चाहते हैं। यही हमारी मांग थी। अफसोस की बात है कि चुनाव आयोग जो अभी चुराव आयोग बन गया है। उस खत का जवाब नहीं देता है और अभी कहती है कि सिर्फ 30 सांसद आ सकते हैं...हमें रोका गया है, हमें निर्वाचन सदन जाने नहीं दिया जा रहा है।
#WATCH | Congress MP Shashi Tharoor says, "For me, the issue is very simple. Rahul Gandhi has raised some serious questions; they deserve serious answers. The Election Commission not only has a responsibility to the nation, but it has a responsibility to itself that there should… https://t.co/BaEU00fr0Ypic.twitter.com/c39DQ5fSTu
— ANI (@ANI) August 11, 2025
एसएआईआर के खिलाफ विपक्ष का मार्च शुरू
विपक्षी 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक अपना मार्च शुरू कर दिया।
इस मार्च में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य दलों के नेता शामिल हैं। सांसदों ने सिर पर सफेद रंग की टोपी पहन रखी है, जिस पर ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखा है तथा उन पर लाल रंग के क्रॉस का निशान भी है।
मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी है। राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाए जाने और इस संबंध में कुछ खुलासे करने का दावा किए जाने के बाद विपक्षी दलों का यह पहला विरोध प्रदर्शन है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए सात अगस्त को आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में हेरफेर करके ‘‘वोट चोरी’’ का मॉडल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है।
उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं के समक्ष महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़े प्रस्तुत किए थे। राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई जबकि यह सीट पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी।
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे की वजह से सोमवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के करीब दस मिनट बाद ही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से आज भी उच्च सदन में शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने कहा कि आठ अगस्त को सदन की बैठक में कुछ सदस्यों ने नियम 267 को लेकर दी गई आसन की व्यवस्था पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि वह यह बात सदस्यों के विवेक पर छोड़ते हैं कि वे आसन की व्यवस्था का पालन करेंगे, नियमावली का अध्ययन करेंगे और नियमों का पालन करेंगे।
हरिवंश ने बताया कि आज नियम 267 के तहत चर्चा के लिए 29 नोटिस मिले हैं। उन्होंने कहा कि ये नोटिस पांच विषयों पर हैं और 11 नोटिस में ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है जिसके आधार पर उन्हें सदन में चर्चा की अनुमति दी जा सके। उन्होंने कहा कि 18 नोटिस में जिन मुद्दों पर चर्चा की मांग की गई है वे अदालतों में विचाराधीन हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी यह बताया जा चुका है कि अदालतों में विचाराधीन मुद्दों पर सदन में चर्चा नहीं की जा सकती। हरिवंश ने कहा कि नियमों के अनुरूप नहीं पाए जाने की वजह से सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए हैं। उनके इतना कहते ही विपक्षी सदस्य सदन में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा के लिए हंगामा करने लगे। ये सदस्य ‘‘वोट की चोरी बंद करो’’ के नारे लगा रहे थे।
कुछ सदस्य अपने स्थानों से आगे आकर हंगामा करने लगे। कुछ सदस्यों ने बिल्ले पहने हुए थे जिस पर आपत्ति जताते हुए उपसभापति ने कहा ‘‘सदन में बिल्ले पहन कर आना सदन के कामकाज की संस्कृति के अनुरूप नहीं है। कृपया बिल्ले उतार कर आएं।’’ उन्होंने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील करते हुए कहा कि शून्यकाल एवं प्रश्नकाल सदस्यों के लिए होते हैं।
जिसमें सरकार की जवाबदेही भी सुनिश्चित होती है। हरिवंश ने कहा कि सदस्यों के पास आज तक 210 तारांकित प्रश्न पूछने का, शून्यकाल के तहत 210 मुद्दे उठाने का और विशेष उल्लेख के जरिये लोक महत्व के 210 मुद्दे उठाने का अवसर था। उन्होंने कहा ‘‘लेकिन अब तक केवल 14 तारांकित प्रश्न पूछे गए हैं।
शून्यकाल के तहत केवल पांच ही मुद्दे उठाए गए और विशेष उल्लेख के तहत लोकमहत्व से जुड़े केवल 17 मुद्दे ही उठाए जा चुके हैं।’’ उपसभापति ने कहा कि हंगामे की वजह से सदन का 62 घंटे और 25 मिनट का समय बर्बाद हो चुका है। उन्होंने सदस्यों से शांत रहने, अपने स्थानों पर लौट जाने और शून्यकाल चलने देने की अपील दोहराई लेकिन सदन में व्यवस्था न बनते देख 11 बजकर 12 मिनट पर बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।