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Bihar SIR Controversy: हिरासत में लिए गए सभी 30 सांसदों को दिल्ली पुलिस ने किया रिहा, देखिए वीडियो

By सतीश कुमार सिंह | Updated: August 11, 2025 15:07 IST

Bihar SIR Controversy: दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत और सागरिका घोष समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों को हिरासत में ले लिया।

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ठळक मुद्देसामूहिक रूप से निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हिम्मत हुई है। सरकार कायर है। सांसद सड़क पर ही बैठक गए और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ जैसे नारे लगाने लगे।

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश समेत अनेक नेताओं को हिरासत में लिया गया है। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हकीकत यह है कि वे बोल नहीं सकते। सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है। यह संविधान बचाने की लड़ाई है। यह लड़ाई एक व्यक्ति, एक वोट की है। हम एक साफ़-सुथरी मतदाता सूची चाहते हैं। एसआईआर के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकाल रहे थे।

दिल्ली पुलिस ने उन सभी विपक्षी सांसदों को रिहा किया, जिन्हें बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के विरोध के लिए निर्वाचन आयोग कार्यालय जाते समय हिरासत में लिया गया था। नई दिल्ली डीसीपी देवेश कुमार महला ने कहा कि आयोग से 30 सांसदों के लिए अनुमति थी। चूंकि वे बड़ी संख्या में थे, इसलिए हमने हिरासत में ले लिया। सूचित किया है कि 30 सांसदों को (ईसीआई से मिलने की) अनुमति दी जाएगी।

दिल्ली पुलिस ने सोमवार को बताया कि उसने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकाल रहे विपक्षी दलों के 30 से अधिक सांसदों को हिरासत में लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए सांसदों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की नेता सागरिका घोष शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेकर संसद मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया।

क्योंकि निर्वाचन आयोग ने केवल 30 सांसदों को ही अपने परिसर में प्रवेश की अनुमति दी थी लेकिन प्रदर्शनकारी ‘‘बड़ी संख्या’’ में थे। पुलिस ने कहा कि किसी ने भी निर्वाचन आयोग से विरोध मार्च की अनुमति नहीं मांगी थी। विपक्षी नेताओं ने संसद भवन स्थित मकर द्वार से निर्वाचन आयोग कार्यालय तक मार्च निकालने की योजना बनाई थी जहां वे आयोग को एसआईआर मुद्दे पर एक ज्ञापन सौंपना चाहते थे।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सांसदों को सूचित किया गया है कि केवल 30 सांसदों को ही निर्वाचन आयोग जाने की अनुमति है। आयोग से उनके नाम प्राप्त होने के बाद हम उन्हें वहां ले जाएंगे।’’ निर्वाचन आयोग के मुख्यालय के पास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और रास्ते में कई जगहों पर अवरोधक लगाए गए हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि व्यवस्था बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आयोग कार्यालय और आसपास की सड़कों पर यातायात के सुचारू प्रबंधन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा वाहन और त्वरित प्रतिक्रिया दल भी तैनात किए गए हैं।

विपक्ष ने यह मार्च बिहार में एसआईआर के खिलाफ निकाला था। विपक्ष का आरोप है कि एसआईआर का उद्देश्य चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर करना है। कांग्रेस 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान बेंगलुरु के महादेवापुरा निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूचियों में कथित रूप से बड़े पैमाने पर हेरफेर का भी विरोध कर रही है।

विपक्षी सांसदों को निर्वाचन कार्यालय तक मार्च निकालने से रोके जाने पर राहुल गांधी ने कहा कि निर्वाचन आयोग चुप है लेकिन सच्चाई पूरे देश के सामने है। यह राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान बचाने की लड़ाई है। हम साफ, स्पष्ट मतदाता सूची चाहते हैं। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहता हैं।

विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। हालांकि पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया तथा बाद में हिरासत में ले लिया। हिरासत में लिए जाने के बाद राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति- एक वोट’ की लड़ाई है। हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।’’

बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया। वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है।’’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘एकजुट विपक्ष और देश का हर मतदाता मांग करता है: साफ़-सुथरी मतदाता सूची। ये हक़ हम हर हाल में लेकर रहेंगे।’’

कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हिम्मत हुई है। सरकार कायर है। विपक्षी सांसदों को निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक मार्च करने से रोके जाने पर कांग्रेस के जयराम रमेश ने कहा कि संसद के ठीक बाहर लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है, उसकी हत्या की जा रही है। विपक्षी दलों के सांसद विरोध मार्च के बाद सामूहिक रूप से निर्वाचन आयोग को ज्ञापन सौंपना चाहते थे, लेकिन उन्हें रोक दिया गया।

विपक्षी 'इंडिया' (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन से निर्वाचन आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला, हालांकि पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक लिया।

कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन ने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सांसदों को हिरासत में ले लिया है। संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया। इससे पहले परिवहन भवन के पास पीटीआई मुख्यालय के सामने रोके जाने पर सांसद सड़क पर ही बैठक गए और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ जैसे नारे लगाने लगे।

उधर पुलिस अधिकारियों को लाउड स्पीकर पर सांसदों को रोकने के संबंध में घोषणा करते सुना गया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर खड़ी हो गईं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इस मार्च में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य दलों के नेता शामिल हैं। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी पर मार्च का हिस्सा बने।

आप ने हाल में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी। सांसदों ने सिर पर सफेद रंग की टोपी पहन रखी है, जिस पर ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखा है तथा उन पर लाल रंग के क्रॉस का निशान भी है। मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी है।

राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाए जाने और इस संबंध में कुछ खुलासे करने का दावा किए जाने के बाद विपक्षी दलों का यह पहला विरोध प्रदर्शन है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए सात अगस्त को आरोप लगाया था।

टॅग्स :बिहार विधानसभा चुनाव 2025चुनाव आयोगमल्लिकार्जुन खड़गेराहुल गांधीPriyanka Gandhi Vadra
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