पटनाः बिहार में मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होते ही अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को गृह विभाग की जिम्मेदारी मिलने के तुरंत बाद, शुक्रवार की रात बेगूसराय जिले में एक बड़ा एनकाउंटर किया गया। इस संयुक्त कार्रवाई में बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और जिला पुलिस ने कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय को मुठभेड़ के दौरान घायल कर दिया। यह घटना बेगूसराय जिले के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के शालिग्राम और मल्हीपुर गांव के पास हुई।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई इस बात का स्पष्ट संकेत है कि नई सरकार ने राज्य में कानून व्यवस्था को प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर रखा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एसटीएफ को खुफिया जानकारी मिली थी कि कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय साहेबपुर कमाल थाना इलाके के मल्हीपुर गांव के आसपास हथियार खरीदने के इरादे से पहुंचा है।
सूचना मिलते ही, एसटीएफ की टीम तत्काल मल्हीपुर गांव पहुंची और स्थानीय जिला पुलिस को भी अलर्ट किया गया। जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची, तो वहां दो मोटरसाइकिल पर छह अपराधी सवार थे। पुलिस को देखते ही अपराधियों ने बिना किसी चेतावनी के गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस टीम ने आत्मरक्षा में जवाबी फायरिंग की।
इस दौरान, कुख्यात अपराधी शिवदत्त राय की जांघ में गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया। हालांकि मुठभेड़ के दौरान शिवदत्त राय के अन्य साथी अपराधी मौके से फरार होने में सफल रहे। लेकिन पुलिस ने घायल अवस्था में शिवदत्त को गिरफ्तार कर लिया। शिवदत्त राय से की गई शुरुआती पूछताछ के आधार पर पुलिस ने एक ठिकाने पर छापेमारी की। इस छापेमारी में पुलिस को बड़ी संख्या में हथियार, नकदी (रुपये) और कफ सिरप बरामद हुए हैं। पुलिस ने इन सामानों को जब्त कर लिया है और फरार अपराधियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
बताया जाता है कि घायल शिवदत्त राय पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। यह एनकाउंटर ऐसे समय में हुआ है जब शुक्रवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली नई मंत्रिमंडल में विभागों का बंटवारा हुआ। इस बंटवारे में गृह विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उप-मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंपी गई है।
माना जा रहा है कि यह त्वरित और प्रभावी कार्रवाई नए गृह मंत्री के सख्त रुख को दर्शाती है और अपराधियों के बीच एक स्पष्ट संदेश भेजने का प्रयास है कि अब राज्य में अपराध और अपराधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल, पुलिस शिवदत्त राय के अन्य साथियों और हथियार खरीद के पूरे नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
उल्लेखनीय है कि करीब 20 सालों तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास रहने वाला गृह विभाग अब भाजपा विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को सौंप दिया गया है। यह वही विभाग है जिसे 2005 से नीतीश ने राज्य की कानून-व्यवस्था सुधारने की रीढ़ माना था।
बिहार में ऐसा तीसरी बार हुआ है जब गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास नहीं है। इससे पहले 1967 और 1971 में भी गृह मंत्रालय अलग मंत्रियों को सौंपा गया था। अब 2025 में यह बदलाव हुआ है। गृह विभाग सौंपे जाने के बाद भाजपा समर्थक इस कदम को ‘यूपी मॉडल’ की ओर बढ़ने के रूप में देख रहे हैं।
योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर अपराधियों पर कड़ा शिकंजा कसने और बुलडोजर की चर्चा भी तेज है। हालांकि असली परीक्षा यह होगी कि सम्राट चौधरी किस तरह पुलिस-प्रशासन के साथ तालमेल बैठाकर नीतीश की स्थापित लकीर को और आगे बढ़ाते हैं।
सम्राट चौधरी ने कहा- बिहार में अब अपराधियों की खैर नहीं
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पहली बार गृह विभाग भाजपा को दिए जाने को राजनीतिक रूप से बड़ा संकेत माना जा रहा है। इस बदलाव से एनडीए के भीतर की राजनीतिक संतुलन भी बदल गया है। सम्राट चौधरी को गृह विभाग मिलने से भाजपा अब सीधे कानून-व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और राज्य की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर नियंत्रण में होगी।
अब कानून-व्यवस्था, पुलिसिंग और इंटेलिजेंस ऑपरेशन सीधे भाजपा के नियंत्रण में होंगे और ध्यान अवैध घुसपैठ और सुरक्षा प्रतिक्रिया पर और तेज होगा। गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बिहार से उम्मीद है कि सीमांचल में सीमा पार घुसपैठ पर सख्ती, आईबी और एनआईए के साथ तगड़ा तालमेल और मोदी-शाह की ‘ज़ीरो टॉलरेंस टू क्राइम’ नीति को ज्यादा सख्ती से लागू किया जाएगा।
शनिवार को गृह मंत्री का पदभार संभालने के तुरंत बाद सम्राट चौधरी भाजपा कार्यालय पहुंचे। वहां पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। सभी कार्यकर्ताओं से उन्होंने मुलाकात की और विभाग की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अपने प्राथमिक एजेंडे भी साझा किए।
कड़े तेवरों के कारण जाने जाने वाले सम्राट चौधरी ने स्पष्ट संदेश दिया कि बिहार की सुरक्षा और कानून व्यवस्था में अब किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होने कहा कि अब अपराधियों की खैर नहीं है। बिहार अपराध के लिए नहीं है। अपराधियों को अब बिहार से बाहर ही जाना होगा।
उन्होंने कहा कि बगैर किसी विवाद के कोई घर से रात के दस-बारह बजे भी निकले तो वह सुरक्षित लौटेगा। अगर ऐसा नहीं हुआ तो सम्राट चौधरी एक घंटे के भीतर इस्तीफा दे देगा। हालांकि किसी की व्यक्तिगत दुश्मनी हो तो उसकी बात मैं नहीं कस सकता। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व और नीतीश कुमार के निर्देशन ने मुझे बिहार में गृह मंत्री के तौर पर काम करने का मौका दिया।
नीतीश जी ने बिहार में सुशासन स्थापित करने का काम किया है। आगे भी उन्हीं के मार्गदर्शन में सुशासन होगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में उन्हें गृह विभाग की जिम्मेदारी दी है। सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में सुशासन स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में सुशासन की व्यवस्था और मजबूत होगी और हम मिलकर राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार का सुशासन हमेशा अराजकता और जंगलराज को खत्म करता आया है, और इस परंपरा को आगे और सख्ती के साथ आगे बढ़ाया जाएगा।
सम्राट चौधरी उन्होंने साफ कहा कि बिहार को अराजकता से मुक्त रखना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पुलिस विभाग को भी निर्देश दिए जाने की चर्चा है कि हर स्तर पर त्वरित कार्रवाई और सटीक निगरानी सुनिश्चित की जाए। बता दें कि सम्राट चौधरी कई बार अपने कट्टर रुख के कारण राज्य की राजनीति में सुर्खियां बटोरते रहे हैं।
अपने विभाग में काम में लापरवाही पर उनकी जीरो टॉलरेंस नीति पहले से ही जानी जाती है। ऐसे में गृह विभाग जैसा महत्वपूर्ण मंत्रालय मिलने के बाद उम्मीद की जा रही है कि पुलिस प्रशासन में भी नई ऊर्जा और जवाबदेही देखने को मिलेगी। राज्य में अपराध और सुशासन हमेशा ही राजनीतिक बहस के केंद्र में रहे हैं।
सम्राट चौधरी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में अपराध नियंत्रण के लिए विशेष अभियान, त्वरित जांच और संगठित अपराध पर कड़े प्रहार देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य साफ है, बिहार को सुरक्षित, शांत और सुशासित बनाना। जो भी तत्व इस माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करेंगे, उन पर कारवाई तुरंत और सख्त की जाएगी।
अब आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनके नेतृत्व में बिहार की कानून-व्यवस्था में किस तरह के सुधार सामने आते हैं। बिहार की जनता की नजरें गृह मंत्री की हर कार्रवाई पर टिकी हैं, और राज्य में सुशासन को मजबूत करने की नई उम्मीदें जग चुकी हैं।