पटनाः बिहार की राजधानी पटना में हुई महागठबंधन की बैठक में अतिपिछड़ा के लिए न्याय संकल्प स्पेशल संकल्प पत्र जारी किया गया। महागठबंधन के संकल्प पत्र की मुख्य बातों में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत और नगर निकाय में आरक्षण को बढ़ाने सहित नौकरी की चयन प्रक्रिया में नॉट फाउंड सुटेबल (एफएस) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा। सीडब्लूसी की बैठक के लिए पटना पहुंचे कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने तेजस्वी यादव के साथ मिलकर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन ने दस घोषणाएं की है। जिसमें प्राइवेट स्कूलों में अति पिछड़ा, एससी-एसटी के बच्चों को एडमिशन में आरक्षण देने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही 25 करोड़ तक के सरकारी ठेके में भी उन्हें 50 परसेंट आरक्षण देने की बात कही गई है।
इस मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी पार्टी की विचारधारा हमेशा से सामाजिक न्याय की रही है, लेकिन अब समय आ गया है कि इसे आर्थिक न्याय के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक समाज के पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में नहीं लाया जाएगा, तब तक कर्पूरी ठाकुर और राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं का सपना अधूरा रहेगा।
उन्होंने अपनी सरकार के कार्यकाल में 65 फीसदी आरक्षण बढ़ाने के फैसले का जिक्र किया और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने इसे नौवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया, जिससे इसे कानूनी सुरक्षा मिल सके। तेजस्वी ने भाजपा को "आरक्षण चोर" बताते हुए कहा कि एनडीए में जितने भी मंत्री हैं, वे सब अपने समाज के दुश्मन हैं और सिर्फ अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए काम करते हैं।
उन्होंने नीतीश कुमार और उनके सहयोगियों पर भी हमला बोलते हुए कहा कि जो लोग उनके साथ हैं, वे सभी आरक्षण विरोधी हैं। तेजस्वी यादव ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो मंडल आयोग की सभी सिफारिशों को लागू किया जाएगा। उन्होंने मौजूदा सरकार पर नकल करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उनकी घोषणाओं को भी यह सरकार नकल कर लेगी।
अपने भाषण में उन्होंने एक नया नारा भी दिया: "2025 से 30 बहुत हुआ नीतीश।" तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार "हाईजैक" हो चुके हैं और उन्हें पता ही नहीं चल रहा कि क्या हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की सरकार दो लोग चला रहे हैं-नरेंद्र मोदी और अमित शाह।
उन्होंने दावा किया कि ये लोग बिहार की तिजोरी खाली कर रहे हैं और नीतीश कुमार के चेहरे का इस्तेमाल करके अपनी तिजोरी भर रहे हैं। उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के एक बड़े रैकेट का भी जिक्र किया और उन पर कार्रवाई करने का वादा किया। अपने भाषण के अंत में तेजस्वी यादव ने कहा कि वे किसी की "गीदड़ भभकी" से डरने वाले नहीं हैं, क्योंकि जब उनके पिता लालू प्रसाद यादव नहीं डरे, तो वे क्यों डरेंगे।
उन्होंने कहा कि जब वे अति पिछड़ों को उनका हक दिलाने की कोशिश करते हैं, तो उन पर मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने दृढ़ता से कहा, "आप अन्याय करो, हम न्याय करेंगे।" महागठबंधन के द्वारा यह घोषणा की गई कि 'अति पिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा। अति पिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा।
आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में "नाट फंड सुटेबल" (एनएफएस) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
अति पिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा। अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।
यूपीए सरकार द्वारा पारित 'शिक्षा अधिकार अधिनियम' (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अति पिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा। 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अति पिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
संविधान की धारा 15(5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा। आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।