पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जारी सियासी हलचल के बीच राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की "मतदाता अधिकार यात्रा" पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने यात्रा पर सवाल दागते हुए कहा कि “यह यात्रा लोकतंत्र बचाने के लिए है या लोकतंत्र को तार-तार करने के लिए है।” तेज प्रताप यादव ने कहा कि इस यात्रा से कोई फायदा नहीं होगा और यह लोगों को असली मुद्दों से भटका रही है। उनके मुताबिक, शिक्षा, स्वास्थ्य और बेरोजगारी जैसे विषय ही असली मुद्दे हैं जिन पर ध्यान देना जरूरी है।
उन्होंने लोगों को अपील की कि वे ऐसी गतिविधियों से दूर रहें। एसआईआर को लेकर तेज प्रताप ने कहा कि चुनाव आयोग अपने तरीके से कम कर रहा है और यह लोग अपने तरीके से कम कर रहे हैं। इससे लोग भ्रमित हो रहे हैं। लोग भ्रम में न रहे। इन चीजों से दूर रहें। जो काम है उस पर लोग फोकस करें। लोग भ्रमित रहेंगे और विरोधी रोटी सेंक लें, इससे बचना चाहिए।
लोगों को बेरोजगारी के मुद्दे पर सवाल करना चाहिए। तेज प्रताप का मानना है कि यह यात्रा सिर्फ राजनीतिक दिखावा है और इससे आम जनता को कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलेगा। वहीं, राजनीतिक समीकरणों के बीच तेज प्रताप यादव ने साफ कर दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में महुआ सीट से मैदान में उतरेंगे। वे पहले भी इस सीट से जीत चुके हैं।
अपने कार्यकाल में उन्होंने सड़क और मेडिकल कॉलेज जैसी परियोजनाओं का जिक्र किया। उनका लक्ष्य है कि महुआ को जिला का दर्जा मिले और वहां एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी खोला जाए। तेज प्रताप का कहना है कि वे पूरी तैयारी के साथ मैदान में हैं और महुआ को मॉडल क्षेत्र बनाना चाहते हैं। तेज प्रताप यादव ने अपने नए संगठन "टीम तेज प्रताप" की भी घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि यह मंच उन युवाओं और कार्यकर्ताओं को मौका देगा जो राजनीति में आकर बदलाव लाना चाहते हैं। हाल ही में उन्होंने अपने संगठन से पहले उम्मीदवार की घोषणा की। जय प्रकाश यादव (गांधी यादव) को जहानाबाद जिले की घोसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया। यह ऐलान तेज प्रताप के आवास पर एक सभा में हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में समर्थक शामिल हुए।
तेज प्रताप ने कहा कि जल्द ही और उम्मीदवारों को भी घोषित किया जाएगा। वहीं, तेज प्रताप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि नबीनगर से विधायक विजय कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह के गाड़ी चालक और एक पत्रकार के साथ मारपीट व गाली-गलौज जैसी घटना बेहद शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि मैं इस कृत्य की कड़ी आलोचना करता हूं और तेजस्वी को चेतावनी देता हूं कि वे अपने आस-पास के जयचंदों से सावधान हो जाएं, वरना चुनाव में बेहद बुरा नतीजा देखने को मिलेगा। अपने बयान में तेज प्रताप ने यह भी जोड़ा कि उन्होंने कभी तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया था, लेकिन अब तेजस्वी “धीरे-धीरे भटकते जा रहे हैं।
मतदाता अधिकार यात्रा के तीसरे दिन राहुल गांधी पहुंचे नवादा, भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन, राहुल ने फ्लाईंग किस देकर माहौल को किया हल्का
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में कराए गए गहन मतदाता सूची परीक्षण के विरोध में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों प्रदेश में मतदाता अधिकार यात्रा पर हैं। इस यात्रा के साथ राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ महागठबंधन में शामिल सभी नेता जुड़े हुए हैं। यात्रा का मंगलवार को तीसरा दिन है और राहुल गांधी एवं तेजस्वी यादव एक ही गाड़ी से चल रहे हैं।
महागठबंधन इस यात्रा के जरिए चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगा रहा है और जनता का समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहा है। यात्रा जहां से भी गुजर रही है, राहुल और तेजस्वी को देखने के लिए लोगों का सैलाब देखने को मिल रहा है। यहां बारिश के बावजूद राहुल गांधी ने लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार पर वोट चोरी का आरोप लगाया।
उन्होंने महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की बदहाली पर भाजपा को घेरा। यात्रा के तीसरे दिन गया जिले के वजीरगंज में अप्रत्याशित नजारा देखने को मिला। यहां के पुनावा हनुमान मंदिर में बड़ी संख्या में लोग कांग्रेस नेता राहुल गांधी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब उनका काफिला बिना मंदिर पहुंचे आगे निकल गया तो स्थानीय लोग भड़क गए और " भाजपा जिंदाबाद" के नारे लगाने लगे।
वहीं, नवादा में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के कार्यक्रम पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। दरअसल, हिसुआ में जैसे ही राहुल गांधी का काफिला पहुंचा, भाजपा कार्यकर्ताओं ने “राहुल गांधी मुर्दाबाद” के नारे लगाने शुरू कर दिए. जवाब में राहुल गांधी ने गाड़ी रुकवाई, विरोधियों की ओर देखा, हाथ से थम्स-अप किया और फिर फ्लाइंग किस देकर मुस्कुराते हुए आगे बढ़ गए।
इस अंदाज ने समर्थकों में जोश भर दिया, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे राहुल की “गंभीर मुद्दों से बचने की चाल” बताया। इसके पहले नवादा जिले के हिसुआ में उस समय तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई जब विश्व शांति चौक पर पोस्टर लगाने को लेकर भाजपा और कांग्रेस कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए।
यह विवाद उस समय गहराया जब कांग्रेस के राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' से ठीक पहले चौक पर कांग्रेस का पोस्टर भाजपा के पोस्टर पर चिपका दिया गया। इस घटना ने स्थानीय राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। पूर्व भाजपा विधायक अनिल सिंह ने इस मुद्दे पर तीखा विरोध जताते हुए कहा कि यह अपमानजनक है और उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक पोस्टर नहीं हटाए जाएंगे, तब तक विरोध जारी रहेगा। वहीं, वर्तमान कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी सिंह ने भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस को भी प्रचार का अधिकार है और पोस्टर हटाने का कोई सवाल नहीं उठता।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो लोग विरोध करेंगे, उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। विधायक नीतू सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब राहुल गांधी की यात्रा को बाधित करने की साजिश है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था और स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें लगातार जारी रही।
वहीं, पोस्टर विवाद को देखते हुए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने अपने काफिले को वजीरगंज ब्लॉक के मनैनी गांव की ओर मोड़ दिया। यहां दोनों नेताओं ने देवी मंदिर में पूजा की और ग्रामीणों से बातचीत की। लोगों की समस्याएं सुनीं और संविधान व मताधिकार के महत्व पर चर्चा की। गांव में करीब आधे घंटे तक रुक कर राहुल ने खुद को जमीन से जुड़े नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की।
यात्रा के दौरान स्कूली बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर खड़े दिखाई दिए। राहुल गांधी गाड़ी से उतरकर उनके पास गए, उनसे मिले और उन्हें टॉफियां भी दीं। वहीं, मतदाता अधिकार यात्रा को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि लोगों का अपार प्यार और समर्थन मिल रहा है। लोग समझ रहे हैं कि कैसे भाजपा वालों ने पहले चुनाव आयोग की चोरी की और अब वोटों की चोरी की जा रही है।
जनता जागरूक है और यहां से लोकतंत्र को नष्ट नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने (चुनाव आयोग) कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। ना तो उन्होंने और ना ही उनके वकीलों ने अभी तक अदालत में हमारे द्वारा दिए गए तथ्यों और तर्कों का जवाब पेश किया है। ज्ञानेश कुमार ने केवल वही पढ़ा है जो उन्हें पीएमओ से मिला। अगर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली है, तो बताएं, इसमें शर्म की क्या बात है?